भारतीय राजनीति औऱ अर्थशास्त्र के पितामह कहे जाने वाले आचार्य चाणक्य का नीतिशास्त्र इंसान के लिए काफी उपयोगी माना गया है। चाणक्य की नीतियों के बल पर कई राजा महाराजाओं ने अपना शासनकाल चलाया, इन्हीं नीतियों के बल पर चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य को सम्राट बना दिया।
आचार्य चाणक्य ने अपने नातिशास्त्र में ना केवल जीवन को सफल और सुगम बनाने के तरीके बताए हैं बल्कि इन नीतियों पर चलकर व्यक्ति सफलता की बुलंदियों पर पहुंच सकता है और जीवन को सुखमय बना सकता है। आइए जानते हैं आचार्य चाणक्य की नीतियों जिन्हें आपको रखना चाहिए ध्यान।
पुत्र को अच्छी शिक्षा देनी चाहिए:
एक श्लोक के माध्यम से आचार्य चाणक्य कहते हैं कि ऐसे माता पिता बच्चों के शत्रु समान होते हैं, जो बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं देते। क्योंकि अनपढ़ बालक विद्वानों के समूह में उसी प्रकार अपमानित होता है, जैसे हंसो के झुंड में बगुले की स्थिति होती है। शिक्षा विहीन मनुष्य बिना पूंछ के जानवर जैसा होता है। इसलिए बच्चों को हमेशा अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलाएं।
शत्रु को कष्ट और आपत्ति में रखें:
आचार्य चाणक्य के अनुसार हमेशा शत्रु को आपत्ति और कष्ट में रखना चाहिए। क्योंकि वह जैसे ही सुखी जीवन व्यतीत करेगा तुरंत आप पर वार करने की कोशिश करेगा। तथा सावधान रहते हुए हमेशा उसकी गतिविधियों पर ध्यान रखना चाहिए।
मित्रों को धर्म कर्म के काम में लगाएं:
आचार्य चाणक्य ने सच्चे मित्र को लेकर कई बातों का उल्लेख किया है। चाणक्य के अनुसार अच्छे मित्रों को अपने साथ धर्म कर्म के काम में लगाना चाहिए। ऐसा करने से आपके साथ समाज का भी भला होगा। साथ ही आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मित्रता की नींव समर्पण पर टिकी होती है। इसलिए आपको मित्र के समक्ष कोई भी ऐसी बात नहीं रखनी चाहिए, जो आपकी मित्रता की नींव को कमजोर करे। चाणक्य कहते हैं कि सच्चा मित्र किसी मूल्यवान रत्न से कम नहीं होता।
बेटी का विवाह अच्छे परिवार मे करें:
आचार्य चाणक्य के अनुसार बेटी की शादी एक अच्छे और संपन्न परिवार में करना चाहिए। साथ ही ध्यान रखें विवाह हमेशा अपनी बराबरी वालों से करें। क्योंकि यदि आप खुद से अमीर घराने में बेटी का विवाह करते हैं, तो लड़की को गृहस्थी में कई प्रकार परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है। कई बार परिवार में बराबरी ना होने के कारण शादी टूट भी जाया करती है।
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