चंद्र ग्रहण हमारे ग्रहों को भी प्रभावित करता है जिसका सीधा असर हमारी तरक्की और स्वास्थ्य पर पड़ता है। शास्त्रों के अनुसार, ग्रहण का चांद शुभ नहीं होता और इसे देखने से बचने के साथ ही इस दिन दान करना चाहिए। वहीं ग्रहण के सूतक काल में भी कई बातों से बचकर रहना चाहिए। इस दिन मंत्रों का जाप भी करना चाहिए। ज्येष्ठ पूर्णिमा के साथ ही जून महीने की 5 तारीख को चंद्र ग्रहण लग रहा है। यह ग्रहण उपच्छाया है, जिसे अंग्रेजी में पेनुमब्रल कहा जाता है। इस दौरान चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया न पड़कर उसकी उपच्छाया मात्र पड़ती है। इससे चांद का आकार कटा हुआ नहीं दिखता। बस चंद्रमा पर एक धुंधली सी छाया नजर आती है जिससे इसकी छवि धूमिल दिखाई देती है।
चंद्रग्रहण 5 जून को रात्रि 11 बजकर 16 मिनट पर प्रारम्भ होगा व 6 जून को रात्रि 2बजकर 32 मिनट तक रहेगा। यह उपच्छाया चन्द्र ग्रहण है। इस ग्रहण का सूतक का असर नहीं होगा। यह ग्रहण वृश्चिक राशि तथा ज्येष्ठा नक्षत्र पर लगेगा।यह ग्रहण बहुत शुभ नहीं है।कोई प्राकृतिक आपदा आ सकती है।समुद्र के आस पास के शहर इससे प्रभावित हो सकते हैं। रोग बढ़ेंगे। प्राकृतिक आपदा के रूप में भी किसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
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