यूं तो चंद्र ग्रहण को खगोलीय घटना माना जाता है। लेकिन इसे ग्रहों से भी जोड़ा गया है। ज्योतिष शास्त्र में इसके बड़े प्रभाव माने गए हैं। 5 जून को साल 2020 का दूसरा चंद्र ग्रहण है जो उपच्छाया है। इसका अर्थ हुआ कि चांद का आकार कटने की बजाय यह ग्रहण समय में धुंधला दिखेगा। वैसे तो ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है। लेकिन जानकारों के मुताबिक उपच्छाया चंद्र ग्रहण लगने पर सूतक काल का अर्थ नहीं रह जाता है।
यह चंद्रग्रहण 5 जून को रात्रि 11 बजकर 16 मिनट पर प्रारम्भ होगा व 6 जून को तड़के 2 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। लेकिन इस ग्रहण का सूतक का असर नहीं होगा। यह ग्रहण वृश्चिक राशि तथा ज्येष्ठा नक्षत्र पर लगेगा जिस वजह से इसे शुभ नहीं माना जा रहा। पंडित सुजीत जी महाराज के अनुसार ऐसा ग्रहण किसी बड़ी प्राकृतिक आपदा का संकेत हो सकता है।
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