नई दिल्ली: बिहार,यूपी,दिल्ली,झारखंड सहित कई राज्यों में छठ पर्व की वजह से माहौल भक्तिमय है। गौर हो कि बिहार,झारखंड और यूपी सहित जहां भी पर्व मनाया जा रहा है वहां लोगों ने भगवान सूर्य को शाम का पहला अर्घ्य दिया।
छठ के व्रतियों ने गंगा के तट और विभिन्न जलाशयों में पहुंचकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। इस दौरान घाट पर छठी मैया के गीत गूंजते रहे। व्रतियों ने भक्तिभाव से भगवान सूर्य के अस्तालचल होने पर उन्हें अर्घ्य देकर उनकी विधिवत अराधना की।
सुबह में यानी शनिवार को अर्घ्य देने का समय
शनिवार को उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के बाद पारण के साथ महापर्व छठ पर्व संपन्न हो जाएगा। गौर हो कि 21 नवंबर को सुबह (शनिवार) के अर्घ्य का समय 6 बज कर 48 मिनट 52 सेकेंड निर्धारित है। भगवान सूर्य के निकलने का व्रती इंतजार करते हैं।
सुबह के अर्घ्य के साथ संपन्न होगा छठ पर्व
जैसे ही भगवान सूर्य का उदय होता है व्रती उन्हें अर्ध्य देते हैं और इसी के साथ छठ महापर्व का समापन हो जाता है। व्रती अपना 36 घंटे का उपवास छठ के प्रसाद के साथ तोड़ते है। गौर हो कि छठ पूजा में पहला अर्घ्य शाम को दिया जाता है और दूसरा अर्घ्य सप्तमी को यानी सुबह में दिया जाता है जिसके बाद छठ व्रत की समाप्ति होती है।
छठ महापर्व की धूम
गौर हो कि छठ पर्व को लेकर पूरा बिहार,झारखंड, यूपी पूरा भक्तिमय हो गया है। बिहार के पटना में मुहल्लों से लेकर गंगा तटों तक यानी पूरे इलाके में छठ पूजा के पारंपरिक गीत गूंज रहे हैं। राजधानी पटना की सभी सड़कें दुल्हन की तरह सज गई हैं जबकि गंगा घाटों में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई है। साथ ही मुजफ्फरपुर, सासाराम, मुंगेर, औरंगाबाद, खगड़िया, भागलपुर सहित राज्य के सभी जिले के गांव से लेकर शहर तक लोग छठ पर्व की भक्ति में डूबे हैं। औरंगाबाद के देव स्थित प्रसिद्ध सूर्य मंदिर परिसर में कोरोना के कारण छठ मेला पर रोक लगा दी गई है। हालांकि कई श्रद्धालु पहुंचे हैं।
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