दिवाली का त्यौहार सजावट, रोशनी, पूजा-पाठ का होता है। दिवाली पूजा की तैयारियां महीनों पहले से शुरू हो जाती हैं, क्योंकि दिवाली पूजन में साफ-सफाई का विशेष ध्यान दिया जाता है। देवी लक्ष्मी की कृपा तभी प्राप्त होती है जब घर से कूड़ा-कबाड़ आदि हटा दिया जाता है। रोशनी से नहाए घर में देवी प्रवेश करती हैं। इसलिए दिवाली में विशेष कर वास्तु नियमों का भी ध्यान रखना चाहिए,क्योंकि यदि वास्तु नियमों के अनुसार पूजा न हो तो देवी की प्रसन्न्ता प्रभावित होती है। सर्वप्रथम दिवाली पर घर की साफ-सफाई के बाद घर की सजावट आदि पर ध्यान देना चाहिए। तो चलिए आपको बताएं कि दिवाली पर किन वास्तु नियमों का ध्यान रखते हुए पूजा करनी चाहिए। इससे आपके जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और विकास होता है।
1. लक्ष्मी पूजन हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके करना चाहिए। यदि यह संभव नहीं है तो आप पश्चिम दिशा में भी पूजा कर सकते हैं, लेकिन यह सुनिश्चित करें कि आपका मुख केवल उत्तर या पूर्व की ओर ही हो।
2. देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की मिट्टी की प्रतिमाएं हमेशा साथ रखें। साथ ही इस दिन श्री यंत्र और कुबेर यंत्र की पूजा जरूर करें।
3. घर के सामने की जगह को जरूर सजाएं। घर का मुख्य द्वार साफ-सुथरा और सुसज्जित होना चाहिए। रंगोली और दीपक यहां जरूर जलाएं। फूलों का तोरणद्वार बनाएं और स्वास्तिक दरवाजे पर जरूर बनाएं। साथ ही शुभ-लाभ जरूर लिखें।
4. पूर्व की ओर वाले घरों और दुकानों को दिवाली पर पीले रंग की सजावटी रोशनी लगानी चाहिए। आप नीली रोशनी भी प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन ये चमकदार हो और बीच-बीच में पीला रंग जरूर हो। वहीं,दक्षिण मुखी घरों में हरे और नीले रंग की जगह लाल रोशनी होनी चाहिए। पश्चित दिशा वाले घरों में नीले और सफेद का प्रयोग करें लाल रंग से बचें। उत्तर की ओर वाले घरों में अधिक हरे और सफेद रोशनी का प्रयोग करें।
5. घर के उत्तर-पूर्व क्षेत्र में कभी पटाखे न फोड़ें। कोई भी प्रकाश, लाल रंग के बल्ब, जनरेटर, इनवर्टर या किसी भी प्रकार का ऊष्मा पैदा करने वाली चीजों को इस दिशा में रखने से बचें, क्योंकि इससे मानसिक शांति भंग होती है और दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता है। पटाखें दक्षिण-पूर्व क्षेत्र में छोड़ने चाहिए है। उत्तर-पश्चिम को भी पटाखे जलाने के लिए भी अच्छा माना जाता है। हालांकि, लंबे समय तक पटाखे फोड़ने के लिए दक्षिण पश्चिम का उपयोग न करें।
6. टूटे हुए फर्नीचर, गैर-काम करने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स, पुराने कपड़े, बेकार कागज इत्यादि को त्योहार से पहले हटा दें, क्योंकि ऐसी वस्तुओं को राहु,शनि और केतु का कारण माना गया है और नकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि का कारण माना जाता है। इससे मानसिक अशांति बढ़ती है।
7. घर के उत्तर क्षेत्र में किसी भी भारी चीज को न रखें, क्योंकि ये क्षेत्र भगवान कुबेर का निवास माना जाता है। इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार की बड़ी या भारी चीज रखना राजस्व में हानि का कारण होता है। समृद्धि और पूजा के लिए उत्तर क्षेत्र खुला चाहिए। केवल यहां पर एक पानी की टंकी, बगीचा या एक मुख्य द्वार हो सकता है। छत पर पक्षियों के लिए पानी से भरा कटोरा रखने और उत्तर दिशा में रहने वाले कमरे में मछली पालना बहुत शुभकारी माना गया है।
8. गरीब छोटी लड़कियों को कपड़े दान कराना दिवाली पर बहुत ही पुण्यकर्म माना गया है।
9. पूरी रात पूजा स्थल पर दीया जरूर जलना चाहिए। इस दिन एक पीपल या बेल के पेड़ में भी दिया जलाना चाहिए। साथ ही घर के पास मंदिर में भी दिया जलाना चाहिए।
वास्तु के इन नियमों के साथ यदि आप दिवाली को पूजा करते हैं तो आपको पूजा का कई गुना पुण्य मिलेगा और आपके समक्ष कभी धन संकट नहीं आएगा।
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