Establishment of Shivling in Sawan: सावन का महीना भगवान शिव को सबसे ज्यादा प्रिय है। आज से यानी 14 जुलाई से भगवान शिव का सावन का महीना प्रारंभ हो चुका है। सावन के महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है, क्योंकि यह महीना भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है। इस साल सावन का महीना 12 अगस्त तक रहेगा। श्रावण मास में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा व अर्चना का विशेष महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार सावन का महीना साल का पांचवा महीना होता है। इस महीने में सृष्टि का पालनकर्ता भगवान शिव के जिम्मे होता है। सावन के महीने के दौरान आने वाले सोमवार व्रत का विशेष महत्व होता है। इसके साथ ही सावन के महीने में शिव पूजन का भी विशेष महत्व होता है। अगर आप सावन के महीने में भगवान शिव की पूजन के लिए शिवलिंग की स्थापना कर रहे हैं तो कई बातों का ध्यान देना बेहद जरूरी है।
खुली जगह पर रखें शिवलिंग
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक शिवलिंग जहां भी स्थापित हो पूर्व दिशा की ओर मुख करके ही बैठे। शिवलिंग की पूजा कभी भी दक्षिण दिशा में बैठकर नहीं होती है। इसके अलावा शिवलिंग की स्थापना कभी भी बंद जगह पर न करें। जैसे कमरे के अंदर अगर मंदिर है तो वहां शिवलिंग स्थापित न करें कहीं खुली जगह में ही शिवलिंग स्थापित करना चाहिए।
इस शिवलिंग को ही स्थापित करें
शिवपुराण के अनुसार शिवलिंग बहुत ही संवेदनशील होता है। इसकी पूजा करते वक्त थोड़ी सी भी चूक से व्यक्ति पर बुरा असर पड़ सकता है। अगर आप घर में शिवलिंग की स्थापना कर रहे हैं तो नर्मदा नदी से निकलने वाले पत्थर से बना शिवलिंग स्थापित करें। घर में नर्मदा नदी से निकलने वाले पत्थर से बना शिवलिंग रखना ज्यादा शुभ माना जाता है।
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इस आकार से बड़ा शिवलिंग न रखें
अगर घर में शिवलिंग की स्थापना कर रहे हैं तो छोटा शिवलिंग ही स्थापित करें। घर में ज्यादा बड़े आकार का शिवलिंग नहीं रखना चाहिए। इसका आकार अंगूठे के ऊपर वाले पोर के बराबर ही होना चाहिए। इसके साथ ही घर में स्थापित करने के बाद रोजाना साफ-सफाई बेहद जरूरी होती है।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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