Ganeshotsav 2022 Sthapna Niyam: गणेशोत्सव का त्योहार बुधवार 31 अगस्त 2022 से शुरू हो चुका है। भक्तों के बीच गणपति उत्सव की धूम-धाम देखने को मिल रही है। भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मध्याह्र काल में स्वाति नक्षत्र और सिंह लग्न में भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इसलिए आज के दिन भगवान गणेश की मूर्ति स्थापना की जाती है और भक्त श्रद्धा पूर्वक उनकी पूजा-आराधना करते हैं। महाराष्ट्र के साथ ही देशभर में गणेशोत्सव बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। इस मौके पर बड़े-बड़े आयोजन किए जाते हैं, पंडालों का निर्माण किया जाता है और घर-घर बप्पा की मूर्ति स्थापित की जाती है। इसे विनायक चतुर्थी, कंलक चतुर्थी और डण्डा चौथ के नाम से भी जाना जाता है।
वैसे तो गणेशोत्सव पूरे 10 दिनों तक चलता है और अनंत चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। लेकिन आप अपनी श्रद्धा अनुसार एक दिन और डेढ़ दिन से लेकर तीन,पांच, सात या 10 दिनों तक के लिए बप्पा को घर ला सकते हैं। जानते हैं एक दिन या तीन दिन कितने दिन के लिए गणपति बैठाने की है परंपरा।
गणपति विसर्जन का मुहूर्त
गणपति स्थापना के नियम
गणेशोत्सव के मौके पर मंदिर से लेकर घरों में बप्पा की मूर्ति की स्थापना की जाती है। मूर्ति स्थापना के दौरान कई नियमों का पालन करना होता है। जैसे कि प्रतिदिन प्रात:और संघ्या में भगवान की विशेष पूजा की जाती है और आरती व भजन गाए जाते हैं। जब तक बप्पा घर या पंडाल में होते हैं तब तक पूरे दिन उनके मंत्रोच्चारण आदि किए जाते हैं और अखंड ज्योति जलाई जाती है।
गणपति की मूर्ति को अकेला भी नहीं छोड़ना चाहिए। हमेशा कोई एक शख्स उस स्थान पर होता है जहां मूर्ति स्थापना होती है। इस तरह से लोग अपने सामर्थ्य और श्रद्धा के अनुसार मूर्ति की स्थापना करते हैं। कुछ लोग गणेश चतुर्थी के दिन ही पूजा-पाठ के बाद मूर्ति का विसर्जन कर देते हैं। तो कुछ लोग घर पर डेढ़ या तीन दिनों के लिए बप्पा को बैठाते हैं।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल