तुलसीदास ने श्रीरामचरित मानस लिखने से पहले हनुमान चालीसा की रचना किए और तब हनुमानजी की कृपा से ही वे श्रीरामचरित मानस लिख पाए थे। जीवन में आने वाले तमाम संकट और परेशानियों से हनुमान जी बचाते हैं। हनुमान जी को कलयुग का जागृत देवता माना गया है। बजरंगबली को याद कर लेने भर से मनुष्य के बहुत से संकट दूर हो जाते हैं, लेकिन यदि आप किसी खास संकट से जूझ रहे तो आपको हनुमान जी से जुड़े मंत्र और पाठ भी उसी अनुसार करने चाहिए। तो आइए आज आपको बताएं कि किस पाठ को किन स्थितियों में पढ़ना चाहिए और उसके क्या लाभ मिलते हैं।
हनुमानजी की इन पाठों को करने का जाने लाभ
बजरंग बाण: शत्रु, अज्ञात भय, षड्यंत्र, गंभीर बीमारी, कार्य अवरोध या मुकदमे आदि जैसी समस्या हो तो बजरंगबाण का पाठ जरूर करना चाहिए। किसी प्रकार के संकट से बचाने में बजरंग बाण से बेहतर कोई और पाठ नहीं हो सकता है। जब भी किसी परेशानी से बचने के लिए आप बजरंबाण का पाठ करें एक जगह शांति से आसन बिछा कर बैठ जाएं। भगवान के समक्ष प्रार्थना करें और बजरंबाण पाठ का 21 दिन का संकल्प लें। 21 दिन एक ही समय पर आप पाठ करें और सामने हनुमान जी की तस्वीर लगाए और तेल का दीपक जला लें।
हनुमान चालीसा : बीमारी, विपदा, शोक, नौकरी-व्यापार संकट या गृह क्लेश आदि से बचने के लिए प्रतिदिन हनुमान चालिसा का पाठ करना चाहिए। हनुमान चालिसा का पाठ करते रहने से आती हुई परेशानी भी दूर हो जाती है। यदि किसी संकट से घिरें हैं तो कम से कम 108 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। जब भी हनुमान चालिसा का पाठ लगातार करने का संकल्प लें तो उसे मंगलवार या शनिवार से ही शुरू करें।
हनुमान बाहुक पाठ:- यदि आप गठिया, वात, सिरदर्द, कंठ रोग, जोड़ों का दर्द आदि तरह के दर्द से परेशान हैं, तो जल का एक पात्र सामने रखकर हनुमान बाहुक का 26 या 21 दिनों तक पाठ करें। पाठ करने के बाद उस जल को पी लें। इसके बाद दूसरे दिन फिर से जल रखकर पाठ करें। बजरंगबली की कृपा से शरीर की समस्त पीड़ाओं से आपको मुक्ति मिल जाएगी।
हनुमान बीज मंत्र : यदि आपके अंदर अनजाना भय हो अथवा आप अंधेरे, भूत-प्रेत से डरते हैं तो आपको हनुमान जी के बीज मंत्र का जाप करना चाहिए। हनुमान बीज मंत्र 'हं हनुमंते नम:' है और इसे रात में जपें। नहा-धोकर पूर्व की ओर मुख कर इस मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें।
शनि शांति के लिए : शनि ग्रह की पीड़ा से मुक्ति के लिए हर मंगलवार हनुमान मंदिर में जाकर सुंदरकांड का पाठ करें। शनि ग्रह पीड़ा से मुक्ति मिल जाएगी।
शाबर मंत्र:- शाबर मंत्र सिद्ध मंत्र माना गया है। यह मंत्र आपके जीवन के सभी संकटों और कष्टों को चमत्मकारिक रूप से दूर करता है।
साबर अढाईआ मंत्र :-
॥ ॐ नमो आदेश गुरु को, सोने का कड़ा,
तांबे का कड़ा हनुमान वन्गारेय सजे मोंढे आन खड़ा ॥
शाबर मंत्र :-
ॐ नमो बजर का कोठा,
जिस पर पिंड हमारा पेठा।
ईश्वर कुंजी ब्रह्म का ताला,
हमारे आठो आमो का जती हनुमंत रखवाला।
याद रखें जब भी को मंत्र या पाठ करें मन-विचार और कर्म शुद्ध होने चाहिए। हमेशा भलाई के लिए ही इनका पाठ करना चाहिए। किसी दुर्भावना से किया गया पाठ उलटा असर दिखाता है।
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