Vastu Dosh: घर में वास्तु दोष से होती है किस तरह की परेशानी, ऐसे करें पहचान

Vastu Dosh Problems : क्या आपके घर में परेशानियां एक के बाद एक आती रहती हैं। कहीं इन परेशानियों का कारण वास्तु दोष तो नहीं? क्योंकि कुछ वास्तु दोष खास तरह की समस्याओं का कारण भी होते हैं।

Vastu Dosha Prevention, वास्तु दोष निवारण
Vastu Dosha Prevention, वास्तु दोष निवारण 
मुख्य बातें
  • संतान सुख से वंचित हैं तो घर के मध्य भाग पर ध्यान दें
  • यदि बीमारी पीछा नहीं छोड़ रही तो ईशान कोण पर ध्यान दें
  • यदि धन संकट बना रहता है तो नैऋत्य कोण में समस्या हो सकती है

यदि आपको लगता है कि आपका घर, परेशानियों का घर है तो आपको अपने घर में मौजूद वास्तु दोष से इसका मिलान करना चाहिए। कई परेशानियों का कारण वास्तु दोष भी होता है। वास्तु दोष कभी- कभी इतने गंभीर होते हैं कि इंसान की जिंदगी में बहुत सी परेशानियां भर देते हैं। दुख और बीमारियों के कारण भी कई बार ये वास्तु दोष ही होते हैं। यदि आप किसी खास तरह की समस्या से जूझ रहे तो आपको अपने घर के वास्तु का भी ध्यान देना होगा। यहां आपको कुछ ऐसी ही बीमारियों और परेशानियों के बारे में बता रहे, जो वास्तु दोष के कारण उत्पन्न होती हैं।

इन परेशानियों की वजह हो सकते हैं, ये वास्तु दोष

संतान सुख न मिलना : यदि आप संतान सुख से वंचित हैं तो आपको अपने घर के मध्य भाग पर ध्यान देना होगा। यदि आपके मकान का मध्य भाग ऊंचा तो आपको संतान सुख से वंचित होना पड़ सकता है। इस वास्तु दोष को दूर कर के आप संतान सुख पा सकते हैं। साथ ही यदि आपके घर में कीकर का पेड़ हो तो उसे कटवा दें, क्योंकि संतान सुख में यह भी बाधा डालता है।

लगातार आर्थिक स्थिति खराब रहना : यदि नैऋत्य कोण में घर का मुख्य द्वार है तो आपके घर में धन का संकट हमेशा ही बना रहेगा। दक्षिण और पश्चिम दिशा के मध्य स्थित स्थान ही नैऋत्य कोण होता है। यदि आप मुख्यद्वार बदल सकते हैं तो ठीक है और यदि नहीं कर सकते तो मुख्यद्वार के सामने एक शीशा लगा दें। इससे यह दोष कट जाएगा। ज्योतिष के अनुसार राहु और केतु इस दिशा के स्वामी होते हैं और इसी कारण यह समस्या आती है।

सेहत हमेशा खराब रहना : यदि घर में हमेशा लोगों की सेहत खराब रहती हो तो आपको अपने ईशान कोण पर ध्यान देना होगा। ईशान कोण धन और स्वास्थ्य से जुड़ा होता है। यदि ईशान कोण पर कबाड़ या भारी-भरकम सामान हो तो इससे सेहत और धन दोनों की हानि होती है। पूर्व और उत्तर दिशाएं जहां पर मिलती हैं, उस स्थान को ईशान कोण कहा जाता है।

कर्ज का भार बढ़ता जा रहा : आय से अधिक व्यय हो रहा या कर्ज का बोझ बढ़ रहा तो आपके वायव्य कोण में भारी दोष हो सकता है। ये दोष सगे-संबधियों के बीच रिश्ते खराब करने से लेकर पड़ोसियों से बैर का कारण भी बनता है। वायव्य कोण उत्तर और पश्चिम दिशा के बीच वहां होता है। इसलिए यदि इस स्थान को साफ रखें और यदि कोई भारी सामान हो तो वहां से हटा दें।

बार-बार रुक रहे हों काम : यदि आपके काम बार-बार रुक जाते हों या घर में सुख-शांति और कलह कायम हो तो आपके घर के ब्रह्म स्थान पर दोष हो सकता है। घर के मध्य में भारी सामान, सीढ़ियां, शौचालय आदि हो सकते हैं और यह ही समस्या पैदा करते हैं।

यदि घर से जुड़ी समस्या हो : यदि घर हसे जुड़ी किसी भी तरह की समस्या हो या बीमारी हमेशा लगी रहती है तो घर के नैऋत्य कोण में समस्या हो सकती है। नैऋत्य कोण या तो नीचा हो सकता है या वहां गड्ढे हो सकते हैं। घर के पश्चिम और दक्षिण दिशा के मिलनेवाले स्थान को नैऋत्य कोण कहते हैं।

वास्तुदोष के कारण अधिकतर कुछ खास तरह की समस्याएं होती हैं। इन समस्याओं से आप वास्तुदोष का भी अंदाजा लगा सकते हैं।

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