ये है एश‍िया का सबसे ऊंचा श‍िव मंद‍िर, पत्थरों से आती है डमरू की आवाज

Jatoli Shiva temple : महादेव के कई मंदिर ऐसे हैं जो चमत्कारी और रहस्यमयी हैं। इनमें से एक मंदिर देवभूमि हिमाचल में भी है। महादेव के इस मंदिर से कई रहस्य जुड़े हुए हैं। आइए आपको इस मंदिर की खासियत बताएं।

Jatoli Shiva temple, जटोली शिव मंदिर
Jatoli Shiva temple, जटोली शिव मंदिर 
मुख्य बातें
  • जटोली शिव मंदिर 39 सालों में बना था
  • मंदिर के पत्थरों से डमरू की आवाज आती है
  • शिवजी कभी इस स्थान पर करते थे निवास

हिमाचल के सोलन में जटोली शिव मंदिर में लोगों की आस्था और विश्वास का कारण केवल भगवान शिव के शरण में आने से मुरादों का पूरा होना ही नहीं है, बल्कि इस मंदिर में भगवान शिव की मौजूदगी भी मानी गई है। यही नहीं यह एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर भी है। इस मंदिर से जुड़ी कुछ रहस्यमयी बातें लोगों के विश्वास को और गहरा बनाती हैं। देवभूमि हिमाचल में भगवान शिव के बहुत से मंदिर हैं और सभी का महत्व बहुत ज्यादा है, लेकिन आज हम आपको हिमाचल स्थित सोलन के जटोली में मौजूद शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं।

एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर दक्षिण-द्रविड़ शैली में बना है। बताया जाता है कि इस मंदिर को बनने में करीब 39 साल लगे थे। जटोली शिव मंदिर सोलन से करीब सात किलोमीटर दूर है।

मंदिर के पत्थरों से आती है डमरू की आवाज

जटोली शिव मंदिर  के बारे में भक्तों का कहना है कि यहां के पत्थरों से डमरू की आवाज आती है। कई बार भक्तों को भगवान शिव के वहां मौजूद होने की भी अनुभूति इसी कारण से होती है। मान्यता है कि पौराणिक काल में भगवान शिव यहां आए थे और कुछ समय के लिए यहीं रहे थे। मंदिर का निर्माण 1950 के दशक में स्वामी कृष्णानंद परमहंस नाम के बाबा ने कराया था। 1974 में उन्होंने इस मंदिर की नींव रखी थी और मंदिर के निर्माण के दौरान ही उन्होंने 1983 में समाधि ले ली। बावजूद इसके मंदिर का निर्माण कार्य चलता रहा और इस मंदिर का कार्य मंदिर प्रबंधन कमेटी देखने लगी। इस मंदिर को पूरी तरह तैयार होने में करीब 39 साल लगे थे। करोड़ों रुपये की लागत से बने इस मंदिर का पूरा निर्माण श्रद्धालुओं द्वारा दिए गए दान से ही हुआ है।

jatoli shiv mandir

स्फटिक का है यहां मणि शिवलिंग

मंदिर के अंदर स्फटिक मणि शिवलिंग स्थापित किया गया है। देवी पार्वती के साथ ही इस मंदिर में कई और देवी-देवताओं की मूर्तियां भी मौजूद हैं। वहीं, मंदिर के ऊपरी छोर पर 11 फुट ऊंचा एक विशाल सोने का कलश भी स्थापित है, जो इस मंदिर को और भी आकर्षक बनाता है।

jatoli shiv temple

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कभी नहीं हुई पानी की समस्या

मान्यता के अनुसार भगवान शिव जटोली में आ कर रहे थे और भगवान शिव के परम भक्त स्वामी कृष्णानंद परमहंस जी ने भगवान शिव की घोर तपस्या यहां की थी। तब यहां पानी की बहुत अधिक समस्या हुआ करती थी। स्वामी कृष्णानंद परमहंस जी के तप से प्रसन्न होकर शिवजी ने अपने त्रिशूल के प्रहार से जमीन में से पानी निकाला। तब से लेकर आज तक जटोली में पानी की समस्या नहीं है। लोग इस पानी को चमत्कारी मानते हैं। इनका मानना है कि इस जल में किसी भी बीमारी को ठीक करने के गुण हैं।

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