हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश के लिए विनायकी चतुर्थी का व्रत किया जाता है। इनमें माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का पुराणों में खासा महत्व बताया गया है। साल 2020 में ये 28 जनवरी को मनाई जा रही है। इसे वराद चतुर्थी या फिर तिलकुंद चतुर्थी भी कहा जाता है। चूंकि 28 जनवरी को मंगलवार है, इस वजह से इसे अंगारकी चतुर्थी का नाम दिया गया है। इस वजह से माघ गणेश चतुर्थी को गणपति पूजन के साथ मंगल ग्रह की पूजा भी फलदायी रहेगी।
कैसे करें अंगारकी चतुर्थी पर मंगल पूजन
मंगल को मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह माना गया है। अंगारकी चतुर्थी पर मंगल यानी ग्रहों के सेनापति की पूजा अनिवार्य रूप से करनी चाहिए। इस दिन मंगल ग्रह को शिवलिंग के रूप में पूजा जाता है। पूजा के लिए शिवलिंग या मंगल ग्रह पर लाल रंग के फूल चढ़ाएं। साथ ही शिवलिंग की भात पूजा जरूर करें। इस पूजा में पके हुए चावल से शिवलिंग का श्रृंगार किया जाता है। साथ ही ऊँ अं अंगारकाय नम: का भी जाप करें।
क्या है अंगारकी चतुर्थी की व्रत विधि
माघी गणेश चतुर्थी के दिन सूर्योदय से पहले ही स्नान कर लें। स्नान के बाद शुद्ध कपड़े धारण करें। इसके बाद पूजा स्थान पर भगवान गणेश जी मूर्ति स्थापित करें। भगवान को सिंदूर, दूर्वा, फूल, चावल, फल, प्रसाद चढ़ाएं। धूप-दीप जलाएं। श्री गणेशाय नम: मंत्र का जाप करते हुए पूजा करें। गणेश जी को 11 या 21 लड्डुओं का भोग अवश्य लगाएं और आधे ब्राह्मण को दें। इस दिन गरीब लोगों को गर्म वस्त्र, कम्बल, कपडे़ आदि भी दान कर सकते हैं।
2020 में कब आएगी अंगारकी चतुर्थी
इन तारीखों पर मंगलवार के दिन गणेश चतुर्थी आएगी -
28 जनवरी : माघ मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी
26 मई - ज्येष्ठ मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी
20 अक्टूबर - अश्विन मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी
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