हिंदू धर्म और ज्योतिषशास्त्रों के अनुसार भारतीय जनजीवन में पूर्णिमा का विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार माह के 30 दिन को चंद्रकला के अनुसार 15-15 दिनों के आधार पर दो पक्षो में बांटा गया है। जिसे शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष कहते हैं। शुक्ल पक्ष की अंतिम दिन को पूर्णिंमा और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या कहते हैं। आपको बता दें हिंदू धर्म में ऐसे कई महत्वपूर्ण दिन और रात हैं जिनका धरती और मानव मन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। उनमें से ही एक महत्वपूर्ण रात पूर्णिमा की होती है।
इस साल की अंतिम पूर्णिमा 29 दिसंबर को है। यह मार्गशीर्ष पूर्णिमा है। श्री हरि का प्रिय मास होने के नाते मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा का खासा महत्व माना गया है। बता दें कि ये मां लक्ष्मी को भी अत्यंत प्रिय मानी जाती है। इसलिए इस पूर्णिमा पर लक्ष्मी व तुलसी पूजन का खास विधान है।
Margashirsha Purnima 2020: Purnima tithi
पूर्णिमा तिथि 29 दिसंबर को सुबह 7:54 मिनट पर शुरू होगी और 30 दिसंबर को सुबह 8:57 पर समाप्त होगी।
Margashirsha Purnima ke upay
1. गुलाबी रंग का फूल अर्पित कर मीठी खीर का लगाएं भोग
कहते हैं जिस पर मां लक्ष्मी की कृपा होती है, उसे जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं होती। ऐसे में पूर्णिमा का अवसर माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए सबसे अच्छा समय होता है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा का उत्तम समय गोधूलि वेला है। मां लक्ष्मी की अराधना के समय माता को गुलाबी रंग का फूल अर्पित करें और माता को मीठी खीर का भोग लगाए।
2. पीपल के पेड़ की करें अराधना
मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक पूर्णिमा पर पीपल के पेड़ पर मां लक्ष्मी का आगमन होता है। कहते हैं कि जो व्यक्ति इस दिन सुबह उठकर विधि-विधान से मां लक्ष्मी की पूजा कर पीपल के पेड़ पर कुछ मीठा रखकर, जल चढ़ाकर, धूप अगरबत्ती करता है, उस पर माता लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है और कष्टों का निवारण होता है।
3. चंद्र देव को दें अर्घ्य
पूर्णिमा चंद्रमा अपने पूर्ण आकार में नजर आता है। इस दिन शादीशुदा जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति के लिए पति पत्नी को धूप, दीप, अगरबत्ती जलाकर चंद्र देव को अर्घ्य देकर प्रसाद चढ़ाना चाहिए।
4. माता लक्ष्मी की मूर्ति पर करें हल्दी से तिलक
पूर्णिमा के अवसर पर माता लक्ष्मी की प्रतिमा पर 11 कौड़ियां चढ़ाकर उन पर हल्दी से तिलक करें। अगले दिन इन कौड़ियों को एक लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी यानि जहां पर आप अपना धन रखते हैं वहां रख दें। ऐसा करने से आपके घर में कभी भी धन की कमी नहीं होगी।
5. माता लक्ष्मी के मंत्रों का करें जाप
पूर्णिमा के अवसर पर माता लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें। इससे आपके कष्टों का अंत होगा और आपके जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति होगी।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर तुलसी पूजन का महत्व
मार्गशीर्ष मास विष्णु जी को प्रिय है और तुलसी के बिना उनकी पूजा अधूरी रहती है। अत: पूर्णिमा के पावन अवसर पर माता तुलसी के पौधे की पूजा अर्चना कर, धूप, दीप जलाकर माता को फूलमाला चढ़ाएं और भोग लगाएं। ऐसा करने से श्री हरि और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
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