Chandra Dosh ke upay: अगर कुंडली में चंद्र दोष से हैं परेशान, तो sharad purnima पर करें राश‍ि अनुसार ये उपाय

Chandra dosh kaise door hoga : कुंडली में अगर चंद्रमा का दोष है तो यह सेहत से लेकर उम्र तक को प्रभाव‍ित कर सकता है। चंद्र दोष को श‍िव पूजन से दूर क‍िया जा सकता है। यह पूजन राश‍ि अनुसार करें तो बेहतर होगा।

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Chandra Dosh Nivaran 
मुख्य बातें
  • यदि चंद्रमा कुंडली में कहीं से भी राहु या केतु के साथ स्थित है तो इसे दोषपूर्ण माना जाता है
  • छठे भाव का चंद्रमा रोग देने वाला माना जाता है
  • चंद्रमा को ठीक करने का सबसे सरल उपाय भगवान शिव की पूजा करना है

शास्‍त्रों में चंद्रमा को देवता माना गया है सरलता और शीतलता का प्रतीक है। हर पूर्णिमा पर चंद्र पूजन की मह‍िमा बताई गई है लेक‍िन सबसे खास शरद पूर्णिमा को माना गया है। मान्‍यता है क‍ि इस पूर्णिमा को चंद्रमा अपनी पूर्ण कला में रहते हैं और इस रात उनकी रोशनी से अमृत बरसता है। तभी इस रात को चांदनी में खीर रखने की परंपरा भी है। वैसे चंद्रमा कुंडली को भी खासा प्रभाव‍ित करता है। अगर चंद्र दोष हो तो सेहत से लेकर उम्र तक पर इसका असर होता है। 

कुंडली में कहां अच्‍छा माना जाता है चंद्र 
चंद्रमा से मन, धर्म और आध्यात्म का विचार करते हैं। चंद्रमा जिस अंक पर होता है, उसी से राशि का निर्धारण भी होता है। जन्मकुंडली में लग्न चक्र के अलावा चंद्र कुंडली भी होती है। बता दें क‍ि गोचर सिद्धांत चंद्र कुंडली से ही देखते हैं। ज्‍योतिष में माना जाता है क‍ि पंचम और नवम भाव में चंद्रमा लग्न बहुत अच्छा परिणाम देता है। यदि यह केंद्र में गुरु के साथ है तो गजकेसरी नाम का राजयोग बनाता है। वहीं नवम भाव का चंद्रमा धर्म और ज्ञान के लिए बहुत बड़ी भूमिका अदा करता है। 

कुंडली में कहां खराब होता है चंद्रमा 
कुंडली में यदि चंद्रमा कहीं से भी राहु या केतु के साथ स्थित है तो यह दोषपूर्ण होता है। ऐसे में शिव पूजा अत्यंत आवश्यक मानी जाती है। यदि यही चंद्रमा कुंडली के छठे, आठवें या बारहवें भाव में है तो नकारात्मक प्रभाव देने वाला होता है। छठे भाव में बैठा चंद्रमा रोग देता है। अष्टम भाव में अगर हो तो उम्र को प्रभावित करेगा और 12वें व्यय भाव में जातक को बहुत इमोशनल बनाता है। 

चंद्र दोष दूर करने के राशि अनुसार ये हैं शरद पूर्णिमा के उपाय

  1. मेष : इस राश‍ि के लोग शहद से शंकर जी का रुद्राभिषेक कराएं।
  2. वृष : ये जातक इत्र और गंगाजल से भगवान शिव का जलाभिषेक करें।
  3. मिथुन : श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ फायदा करेगा। भगवान शिव का रुद्राभिषेक कुशोदक से करें।
  4. कर्क : इस राशि का स्वामी ही चंद्रमा है। चंद्रमा के बीज मंत्र का जप फायदा देगा। 
  5. सिंह : श्री आदित्यहृदयस्तोत्र का पाठ करें। शहद और गंगा जल शिवलिंग पर चढ़ाएं।
  6. कन्या : श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें। दही और गंगा जल भगवान शिव को अर्पित करें।
  7. तुला : ठाकुर श्री विष्णु जी को तुलसी का पत्ता अर्पित करें। श्री सूक्त का पाठ करें।
  8. वृश्चिक : भगवान शिव का गन्ने के रस से अभिषेक कराएं। मोती की माला धारण करें। 
  9. धनु : श्री राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें।
  10. मकर : चांदी का चंद्रमा शिवलिंग पर अर्पित करें। सुन्दरकाण्ड का पाठ करें।
  11. कुंभ : चंद्रमा के बीज मंत्र के साथ साथ शनि के मंत्र का भी जप करें।
  12. मीन : फलों के रस से भगवान शिव का रुद्राभिषेक कराएं। भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें।

बता दें क‍ि चंद्रमा को ठीक करने का सबसे सहज और सरल उपाय है भगवान शिव की पूजा। ये सारे उपाय शरद पूर्णिमा को करने से लाभ की प्रत्याशा बढ़ जाती है।
 

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