Masik Shivratri June 2020: मासिक श‍िवरात्र‍ि आज, भगवान श‍िव का व्रत करने से होगा लाभ

Masik Shivratri June 2020: भगवान श‍िव की आस्‍था का पर्व मासिक श‍िवरात्र‍ि आज यान‍ि 19 जून को मनाई जा रही है। इस द‍िन भगवान शंकर की पूजा और उनका व्रत रखा जाता है।

Masik Shivratri June 2020
Masik Shivratri June 2020 
मुख्य बातें
  • प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है
  • इस द‍िन भगवान शंकर की पूजा और उनका व्रत रखा जाता है
  • यदि 'मासिक शिवरात्रि' मंगलवार के दिन पड़ती है तो बहुत शुभ होती है

Masik Shivratri June 2020: भगवान श‍िव की आस्‍था का पर्व मासिक श‍िवरात्र‍ि आज यान‍ि 19 जून को मनाई जा रही है। इस द‍िन भगवान शंकर की पूजा और उनका व्रत रखा जाता है। इस व्रत से प्रसन्‍न होकर भगवान शंकर मनोकामना पूरी करते हैं। यह मासिक शिवरात्रि हर महीने आती है और इसका महत्‍व महाशिवरात्रि से कम नहीं है। कहा जाता है कि इस दिन पूजा अर्चना करने और व्रत रखने से महाशिवरात्रि की पूजा जितना ही फल मिलता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। 

यदि 'मासिक शिवरात्रि' मंगलवार के दिन पड़ती है तो वह बहुत ही शुभ होती है। शिवरात्रि पूजन मध्य रात्रि के दौरान किया जाता है। मध्य रात्रि को 'निशिता काल' के नाम से जाना जाता है और यह दो घटी के लिए प्रबल होती है। द्रिक पंचांग सभी शिवरात्रि के व्रत के लिए शिव पूजन करने के लिए निशिता काल मुहूर्त को सूचीबद्ध करता है। भगवान शिव को उनके 'भोले-भाले' स्वभाव के कारण 'भोलेनाथ' के नाम से भी जाना जाता है।

मासिक शिवरात्रि व्रत कथा (Masik Shivratri June 2020)

धार्मिक ग्रंथो के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव जी लिंग रूप में प्रकट हुए थे, और सर्वप्रथम भगवान शिव जी के लिंग रूप को भगवान ब्रह्मा और विष्णु ने पूजा था। पौराणिक परम्परा के अनुसार लोग शिवरात्रि के दिन शिवलिंग की पूजा करते है। हिन्दू पुराणो की माने तो शिवरात्रि व्रत प्राचीन काल से ही मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है की देवी लक्ष्मी, सरस्वती, गायत्री, सीता, पार्वती तथा रति ने भी शिवरात्रि का व्रत किया था।

ऐसे करें मासिक शिवरात्र‍ि की पूजा

मासिक शिवरात्रि के दिन पूजा का विशेष महत्‍व है। इस दिन सुबह स्नान करके घर के मंदिर में दीपक जलाएं और सबसे पहले गजानन गणेश भगवान की पूजा करें। घर में ही शिवलिंग का गंगा जल से अभिषेक करें। शिवलिंग नहीं है तो भगवान शिव का ध्‍यान रखें। भगवान शिव के साथ माता पार्वती की आरती भी करें और प्रभु को भोग लगाएं। भोग में कुछ मीठा भी शामिल करें।


 

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