सूर्य एक राशि में एक माह रहते हैं। 14 अप्रैल 2021 दिन बुधवार को भरणी नक्षत्र में सूर्य मीन से मेष राशि में प्रवेश कर 30 दिन इस राशि में रहेंगे। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के बाद मेष संक्रांति है। चैत्र प्रतिपदा से हिन्दू नववर्ष प्रारम्भ होता है। इस प्रकार यह हिन्दू नवर्ष की प्रथम यानी मेष संक्रांति है। मेष का स्वामीग्रह मंगल है। सूर्य आत्मा हैं। पिता का कारक ग्रह है।सूर्य का मेष में होना बहुत ही शुभ है। मेष का स्वामीग्रह मंगल आत्मबल व भूमि का कारक ग्रह है। चैत्र का पवित्र महीना है। पवित्र नदी में स्नान करें। दान पुण्य करें। दही का सेवन स्वास्थ्य के लिये लाभदायक है व मंगल के द्रव्यों गुड़ व मसूर का दान अनन्त गुणा फलदायी है।
देखें मेष संक्रांति 2021 का राशिफल
मेष संक्रान्ति पर क्या करें दान
सूर्य का मेष राशि में होना व्यवसाय जगत के लिए संघर्ष का समय रहेगा। कुछ राज्यों में राजनीतिक उथल पुथल हो सकता है। फ़िल्म व अंतर्राष्ट्रीय व्यवसाय के लिए यह गोचर बहुत शुभ नहीं है। यह गोचर प्राकृतिक दुर्घटना व महामारी को विस्तार भी दे सकता है। मंगल की वस्तुएं सबको दान करनी चाहिए।
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