नई दिल्ली : अंग्रेजी महीने के हिसाब से नया साल 2020 आगाज एक जनवरी हो गया। अंग्रेजी महीने वाले कैलेंडर का इस्तेमाल सर्वाधिक होता है। इसी हिसाब से सरकारी और प्राइवेट कामकाज निपटाए जाते हैं। लेकिन हिंदू कैलेंडर भी है जिसके हिंदुओं का अधिकांश तबका इसके हिसाब से अपनी दिनचर्या और धार्मिक कार्यों को संपन्न करते है। इस कैलेंडर को पंचांग भी कहते हैं। भारत में सर्वाधिक महत्व विक्रम संवत पंचांग को दिया जाता है। हिन्दू समाज में कोई भी शुभकार्य करने के लिए शुभ मुहूर्त इसी कैलेंडर से निकाला जाता है।
आज 01 जनवरी 2020 है और हिंदू कैलेंडर की तारीख पूस 20 है। हिंदू कैलेंडर के हिसाब से 2076 है। हिंदू कैलेंडर के महीने के हिसाब से 11 जनवरी 2020 को माघ महीने की पहली तारीख होगी। विक्रम संवत् की शुरुआत 57 ईसवी पूर्व में उज्जैन के राजा विक्रमादित्य के नाम पर हुआ। विक्रमादित्य ने उज्जैन को शकों के जनविरोधी शासन से मुक्ति दिलाई थी। विक्रमादित्य के इस विजय के उपलक्ष्य में आज से 2075 वर्ष पूर्व विक्रम संवत पंचांग तैयार किया गया।
हिंदू कैलेंडर की शुरुआत चैत्र माह से होती है। चैत्र माह शीतऋतु के बाद वसंत ऋतु के आगमन से होता है। हिंदू कैलेंडर के हिसाब से नया साल हमेशा होली के बाद आता है। अंग्रेजी कलैंडर के हिसाब से यह तय नहीं कर सकते कि किस महीने के किस तारीख को इसी शुरुआत होती है। लेकिन अक्सर मार्च या अप्रैल में शुरु होता है। इस बार हिंदू नव वर्ष की शुरुआत 25 मार्च को होगी। यह विक्रम संवत 2077 होगा।
हिन्दू कैलेंडर के महीने अंग्रेजी कलैंडर में कब पड़ते हैं नीचे देखिए
चैत्र (मार्च-अप्रैल)
वैशाख (अप्रैल -मई)
ज्येष्ठ (मई -जून )
आषाढ़ (जून-जुलाई)
श्रावण (जुलाई-अगस्त)
भाद्रपद (अगस्त-सितंबर)
आश्विन (सितंबर-अक्टूबर)
कार्तिक (अक्टूबर-नवम्बर)
मार्गशीर्ष (नवंबर-दिसम्बर)
पौष (दिसंबर-जनवरी)
माघ (जनवरी-फरवरी)
फाल्गुन (फरवरी-मार्च)
अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से वर्ष बदलने पर ना तो ऋतु बदलती है, ना तो फसल बदलती है और ना ही खेती, ना पेड़ पौधे की रंगत, ना ही चांद, सूर्य, सितारों की दिशा बदलती है। लेकिन हिंदू कलैंडर प्रकृति और मौसम पर निर्भर होता है। चैत्र मास में चारो तरफ फूल खिल जाते हैं, पेड़ों पर नए पत्ते आते हैं, पुराने झड़ जाते हैं। चारो तरफ हरियाली छा जाती है। वसंत ऋतु की मदहोशी अलग होती है। एक खुशनुमा वातावरण होता है।
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