Shiv Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi, Om Jai Shiv Omkara Swami Jai Shiv Omkara Aarti : शिव जी की पूजा में उनकी आरती से उनकी महिमा गाई जाती है। शिव शंकर को भोलेनाथ, त्रिलोकीनाथ, नीलकंठ, महादेव आदि नामों से भी पुकारा जाता हैं। मान्यताओं के अनुसार शिव शंकर की पूजा आराधना करने से गृहस्थ जीवन में अनुकूलता प्राप्त होती है। माना जाता है शिव जी बहुत जल्द अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं और सच्चे मन से की गई भक्ति पर उनके कष्टों को हर लेते हैं। सोमवार को, सावन में, महाशिवरात्रि पर आप शिव पूजा के समापन से पहले ये आरती जरूर करें। यहां आप त्रिलोकीनाथ की आरती शुद्ध-शुद्ध देखकर पढ़ सकते हैं।
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा
।।ॐ जय शिव..॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे
।।ॐ जय शिव..॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे
॥ ॐ जय शिव..॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी
॥ ॐ जय शिव..॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे
॥ ॐ जय शिव..॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता
॥ ॐ जय शिव..॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका
॥ ॐ जय शिव..॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी
॥ ॐ जय शिव..॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे
॥ ॐ जय शिव..॥
शिव जी की आरती का महत्व
शिव शंकर की आराधना करने से घर में माता लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है। शिव की भक्ति करने से व्यक्ति को कभी भी आर्थिक समस्याएं से जूझना नहीं पड़ता है। धर्म के अनुसार शिव शंकर एक मात्र ऐसे भगवान है, जो बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। उनके प्रसन्न होने से व्यक्ति की सभी विघ्न-बाधाएं दूर हो जाती है। शिव शंकर को भोलेनाथ, गंगाधर, नीलकंठ आदि नामों से भी पुकारा जाता हैं।
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