चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि बेहद विशेष और महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। जानकार बताते हैं कि भगवान श्रीराम ने राजा दशरथ के राज्य अयोध्या में सूर्यवंशी इक्ष्वाकु वंश में जन्म लिया था। भगवान श्रीराम को जन्म देने वाली मां कौशल्या थीं। यह कहा जाता है कि भगवान श्री राम भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं। यह तिथि सिर्फ राम नवमी के लिए ही नहीं बल्कि चैत्र नवरात्रि की नवमी के तौर पर भी मनाई जाती है। यह दिन मां सिद्धिदात्री को समर्पित है।
कहा जाता है कि मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से आठों सिद्धियां प्राप्त होती हैं। मां सिद्धिदात्री की पूजा-आराधना करके ही भगवान शिव को आठों सिद्धियां प्राप्त हुई थीं। राम नवमी पर भगवान राम की पूजा श्रद्धा-भाव से की जाती है तथा उनका आशीर्वाद पाया जाता है। कहा जाता है कि राम नवमी पर भगवान राम की पूजा करने से यश की प्राप्ति होती है।
यहां जानें राम नवमी तिथि, मुहूर्त और कथा।
राम नवमी तिथि और मुहूर्त
राम नवमी तिथि: - 22 अप्रैल 2021, गुरुवार
नवमी तिथि प्रारंभ: - 21 अप्रैल 2021, बुधवार (रात 12:43)
नवमी तिथि समाप्त: - 22 अप्रैल 2021, गुरुवार (रात 12:35)
शुभ मुहूर्त: - सुबह 11:02 से लेकर दोपहर 01:38 तक
श्री राम नवमी व्रत कथा हिंदी में
राम नवमी पर यह प्रसिद्ध कथा सुनना बेहद लाभदायक माना जाता है। कहा जाता है कि राजा दशरथ की एक भी संतान नहीं थी जिसके लिए वह बेहद परेशान रहते थे। एक दिन उन्होंने पुत्रेष्टि यज्ञ करवाया फिर यज्ञ से प्राप्त खीर को अपनी पत्नी कौशल्या को खाने का आदेश दिया था। माता कौशल्या ने खीर का आधा हिस्सा किया और उसे माता कैकयी को दे दिया। फिर माता कौशल्या और माता कैकयी ने अपने-अपने हिस्से को आधा-आधा कर लिया और माता सुमित्रा को दे दिया। तीनों माताओं ने इस खीर का सेवन किया जिससे चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर पुनर्वसु नक्षत्र और कर्क लग्न में भगवान श्री राम ने माता कौशल्या के कोख से जन्म लिया था। भगवान श्री राम के जन्म के बाद माता कैकयी ने भरत को वहीं माता सुमित्रा ने लक्ष्मण और शत्रुघ्न को जन्म दिया था।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल