भगवान श्रीराम के बाद उनके बेटे लव और कुश ने अपने पिता के वंश को आगे बढ़ाया और मौजूदा समय में लव और कुश के वंशज रघुकुल की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। भगवान श्रीराम के वंशावली को तो आप जान गए होंगे, लेकिन क्या आपको भगवान श्रीराम के बाद के वंशजों के बारे में जानकारी है। 14 वर्षों का वनवास काटने के बाद जब भगवान श्रीराम अयोध्या लौटे तो वह यहां के राजा बनें। बाद में श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शुत्रुघ्न की जलसमाधि ले ली थी लेकिन इससे पूर्व भगवान श्रीराम ने अपने पुत्रों लव और कुश को राजपाट सौंप दिया था। क्या आपको पता है कि श्रीराम के पुत्रों लव और कुश की वंशावली अब कौन चला रहा है।
भगवान राम ने दक्षिण कोसल प्रदेश (छत्तीसगढ़) में कुश और उत्तर कोसल में लव का अभिषेक किया था और कोशल राज्य उत्तर और दक्षिण कोशल में बांट दिया था। इस बात का उल्लेख कालिदास के रघुवंश में भी मिलता है।
लव और कुश के अलग-अलग वंश के बारे में जानें
लव से राघव राजपूतों का जन्म हुआ, जिसमें बर्गुजर, जयास और सिकरवारों का वंश की शुरुआत हुई वहीं दूसरी शाखा थी सिसोदिया राजपूत वंश की, इसमें बैछला (बैसला) और गैहलोत (गुहिल) वंश के राजा हुए। वहीं कुश से कुशवाह (कछवाह) राजपूतों का वंश आगे बढ़ा। हालांकि 15 अगस्त 1947 को देश को अंग्रेजों से आजादी मिलते ही राजशाही परंपरा खत्म हो गई, लेकिन देश में कई राज परिवार मौजूद हैं।
श्रीराम के वंशज होने का करते हैं कई राजवंश दावा
जयपुर की महारानी पद्मिनी देवी ने एक अंग्रेजी चैनल को दिए इंटरव्यू में खुद को भगवान श्रीराम के वंशज होने का दावा किया है। उनका दावा है कि भगवान श्रीराम के बेटे कुश के परिवार के असली वंशज वहीं हैं। रानी के मुताबिक उनके पति भवानी सिंह कुश के 309 वें वंशज थे। महाराजा भवानी सिंह और उनकी पत्नी पद्मिनी का कोई बेटा नहीं है और दोनों से एक बेटी है, दीया। दीया का विवाह नरेंद्र सिंह के साथ हुआ है और दीया की बेटों को उनके नाना-नानी ने लेकर अपना वारिस बनाया है। हालांकि, उदयपुर और जयपुर राजघरानों की ओर से श्रीराम के वंशज होने का दावा किया गया था। वहीं सिरोही राजघराना श्रीराम का खुद को वंशज बताता है। भगवान श्रीराम के वशंज उत्तराधिकार का मामला हालांकि कोर्ट तक पहुंच चुका है।
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