संकष्टी चतुर्थी आज यानी 05 सितंबर, शनिवार को मनाई जा रही है। चातुर्मास में अश्विन मास का विशेष महत्व है और इसमें पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी का महत्व और अधिक होता है। विनायक चतुर्थी पर, गणेश पूजा मध्याह्न यानी दोपहर के आसपास की जाती है, लेकिन संकष्टी व्रत चंद्रमा के दर्शन के बाद ही संपन्न होता है। इसलिए, संकष्टी के लिए चंद्रमा का समय बहुत महत्वपूर्ण है। आज की संकष्टी चतुर्थी व्रत के मौके पर जानें दिल्ली, मुंबई और उत्तर प्रदेश समेत इन तमाम जगहों पर किस समय होगा चंद्रोदय।
शहर | सूर्योदय समय |
मुंबई | 8:58 PM |
कोलकाता | 7:54 PM |
हैदराबाद | 8:36 PM |
विशाखापट्टनम | 8:16 PM |
नासिक | 8:54 PM |
नागपुर | 8:32 PM |
इंदौर | 8:45 PM |
पुणे | 8:54 PM |
चेन्नई | 8:30 PM |
कोयंबटूर | 8:44 PM |
बेंगलुरु | 8:41 PM |
मैसूर | 8:45 PM |
तिरुवनंतपुरम | 8:45 PM |
दिल्ली | 8:37 PM |
संकष्टी चतुर्थी व्रत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है चंद्रोदय का समय?
भगवान गणेश ने एक बार चंद्र देव को उनका मजाक उड़ाने के लिए शाप दिया था। दरअसल एक दिन, अपने घर लौटते समय भगवान गणेश उस समय अपने मूषक से गिर गए जब वो एक सांप को देखने के बाद भागने लगा। आकाश में चन्द्र देव के अलावा कोई नहीं था और भगवान गणेश को इस तरह जमीन पर लेटा देखकर चंद्र देव हंसने लगे। उनके आचरण से क्रोधित भगवान गणेश ने उन्हें यह कहकर शाप दिया कि जो भी चंद्रमा को देखेगा उसे मिथ्या दोष लगेगा। अपनी खूबसूरती पर गर्व करने वाले चंद्र भगवान को इस अभिशाप से झटका लगा। इसके बाद, चंद्र भगवान ने भगवान गणेश से अपने शाप को वापस लेने की विनती की।
कोई भी शाप एक बार शाप एक बार दिए जाने के बाद पूरी तरह वापस नहीं लिया जा सकता, इसलिए भगवान गणेश ने इसे शुक्ल पक्ष भाद्रपद की चतुर्थी तिथि को चंद्रमा दर्शन को प्रतिबंधित कर दिया। इसलिए, परेशानियों को दूर करने के लिए भक्त उपरोक्त महीने की गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा को नहीं देखते हैं, लेकिन कृष्ण पक्ष के दौरान चंद्र देव को देखने के बाद संकष्टी चतुर्थी पूजा की जाती है।
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