जब ग्रहों के प्रधान सूर्य देव एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तब उस समयावधि को संक्रांति का नाम दिया जाता है। मेष संक्रांति के बाद अब वृषभ संक्रांति आने वाली है। वृषभ संक्रांति में सूर्य के मेष राशि से वृषभ राशि में प्रवेश करते हैं। संक्रांति तिथि बेहद शुभ मानी जाती है और इस दिन सूर्य देव की पूजा करने का बड़ा महत्व है।
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, सूर्य देव उच्च पद, आत्मा और मान सम्मान के कारक हैं इसीलिए संक्रांति तिथि पर भगवान सूर्य देव पूजा करना बेहद लाभदायक होता है। मान्यताओं के अनुसार, वृषभ संक्रांति के दिन पवित्र नदियों या जलकुंड में स्नान करने से तीर्थ स्थल के समान पुण्य मिलता है। इस दिन पूजा, जप, तप और दान भी किया जाता है।
वृषभ संक्रांति 2021 तिथि और शुभ मुहूर्त
वृषभ संक्रांति तिथि: - 14 मई 2021
वृषभ संक्रांति पुण्य काल: - दोपहर 12:08 से शाम 07:04 तक
वृषभ संक्रांति महा पुण्य काल: - दोपहर 04:49 से 07:04 तक
वृषभ संक्रांति का महत्व
वृषभ संक्रांति पर जप, तप, दान और पूजा करना बेहद फलदायक माना गया है। इस दिन ऐसा करने से अमोघ फल मिलता है। मान्यताओं के अनुसार, इस मास में प्यासे लोगों को पानी अवश्य पिलाना चाहिए। घर के बाहर प्याऊ लगाना भी लाभदायक है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल