Eid Al Adha Date 2020: भारत में आज मनाई जा रही है Bakrid, जानिए इस दिन क्‍यों दी जाती है कुर्बानी?

Eid Date 2020, Bakrid Kab hai: आज मनाई जा रही है Bakrid, साल में दो ईद मनाते हैं। पहली ईद को ईद-उल-फितर जबकि दूसरी को ईद-उल-अजहा या बकरीद कहा जाता है।

 Eid al Adha 2020 Bakrid kab hai
Eid Al Adha, Bakrid Date 2020 
मुख्य बातें
  • मुसलमान बकरीद का त्यौहार मनाने को तैयार हैं
  • मीठी ईद के 70 दिन बाद बकरीद मनाई जाती है
  • कुर्बानी के गोश्त को तीन हिस्सों में बांटा जाता है

बकरा ईद या बकरीद का त्यौहार जल्द ही आने वाला है। इसे ईद-उल-अजहा या ईद-उल जुहा भी कहा जाता है। ईद-उल-अजहा इस्लाम के दो मुख्य त्यौहारों में से एक है। इसके अलावा दूसरा अहम त्यौहार ईद-उल फितर है, जिसे मीठी ईद भी कहते हैं। बकरीद को ईद-उल फितर के करीब 70 दिन बाद मनाया जाता है। बकरीद मुख्‍य रूप से कुर्बानी के पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह लोगों को सच्चाई की राह में अपना सबकुछ कुर्बान कर देने का संदेश देती है। आइए जानते हैं भारत में इस बार कब मनाई जाएगी बकरीद?

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भारत बकरीद 1 अगस्त 2020 को मनाई जाएगी। बकरीद इस्लामिक कैलेंडर के 12वें महीने जिल हिज्जा की 10 तारीख को  मनाई जाती है। पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि देश में 31 जुलाई को बकरीद मनाई जा सकती है। हालांकि, मंगलवार को चांद नहीं दिखा, जिसकी वजह से अब बकरीद एक अगस्त को होगी। दिल्ली समेत देश में कहीं पर भी ईद-उल-अजहा का चांद नजर नहीं आया। दिल्ली की फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मौलाना मुफ्ती मुकर्रम ने कहा, 'मुस्लिम समुदाय के जिन लोगों के पास करीब 612 ग्राम चांदी है या इसके बराबर के पैसे हैं, उन पर कुर्बानी वाजिब है।'

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मुसलमानों के लिए के लिए बकरीद का विशेष महत्‍व है। बकरीद को हजरत इब्राहिम की कुर्बानी की याद में मनाई जाती है। दरअसल, हजरत इब्राहिम अल्लाह के हुकम पर अपनी वफादारी दिखाने के लिए अपने बेटे इस्माइल की कुर्बानी देने को तैयार हो गए थे। जब हजरत इब्राहिम अपने बेटे को कुर्बान करने के लिए आगे बढ़े तो खुदा ने उनकी निष्ठा को देखते हुए इस्माइल की कुर्बानी को दुंबे की कुर्बानी में परिवर्तित कर दिया। इसलिए मुसलमान ईद-उल-अजहा पर बकरे, दुंबे या भेड़ की कूर्बानी करते हैं। कुर्बानी के गोश्त को तीन हिस्सों में बांटा जाता है। इसमें से एक हिस्सा गरीबों को जबकि दूसरा हिस्सा दोस्तों और सगे संबंधियों को दिया जाता है। वहीं, तीसरे हिस्सा अपने परिवार के लिए रखा जाता है।

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