प्रभु राम के आगमन की खुशी में अयोध्या नगरी उसी तरह सजी है जैसे 14 वर्ष के वनवास से वापस आने पर सजी थी। अयोध्या के मठ, मंदिर, आश्रम, रास्ते, सरयू घाट सब जगह दीपोत्सव जैसे माहौल और उल्लास है। हो भी क्यों ना, 492 साल से चला आ रहा राम मंदिर का संघर्ष खत्म हो गया है। राम मंदिर के भूमि पूजन के शुभअवसर पर अयोध्या को खास तौर पर पीले रंग से सजाया गया है। इसके पीछे एक अहम वजह है। आइये जानते हैं-
अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय ने बताया कि साकेत कॉलेज से हनुमान गढ़ी और रामजन्मभूमि क्षेत्र तक पूरी सड़क पीले रंग से रंगी गई है। वातावरण काफी अच्छा है और पूरी नगरी भगवान राम की भक्ति में सराबोर है। पीले रंग के महत्व के बारे में इलाहाबाद के ज्योतिषी आशुतोष वार्ष्णेय ने बताया कि पीला रंग भगवान राम और भगवान विष्णु से जुड़ा है। यह बृहस्पति का भी रंग है, जो सभी देवताओं के गुरु हैं। पीला देवत्व से जुड़ा रंग है।
भगवान राम को पीतांबर कहा जाता है इसलिए इस शुभअवसर पर पूरे अयोध्या को पीले रंग की थीम पर ही सजाया गया है। घरों के ऊपर पीले और भगवा रंग के ध्वज लगाए गए गए हैं और दीवारों को पीतांबर से रंग दिया गया है। अयोध्या नगर पूरी तरह धार्मिक नगरी में तब्दील हो गई है और प्रभु राम के रंग में रंग गई है।
मनाया गया दीपोत्सव
अयोध्या में भूमि पूजन की पूर्व संध्या पर दीपोत्सव मनाया गया। सरयू घाटों सहित मठ-मंदिरों में सवा लाख दीये जलाए गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपने सरकारी आवास पर दीये जलाकर दीपोत्सव मनाया। पूरे देश में हर्ष उल्लास का माहौल है और भगवान राम की जय जयकार है।
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