Employment from Ram Mandir : अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए आज (05 अगस्त) भूमि पूजन हो रहा है। पीएम मोदी भूमि पूजन कर रहे हैं। इसके बाद मंदिर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। पूरे अयोध्या को भव्य तरीके सजाया गया है। मंदिर बनने के बाद अयोध्या पर्यटन स्थल के तौर पर उभरेगा। इससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इस उम्मीद से अयोध्यावासी बहुत खुश हैं। सुप्रीम कोर्ट के 9 नवंबर को फैसले से राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया था, जिसके बाद यहां लोग मंदिर निर्माण शुरू होने का इंतजार कर रहे थे और अब वह घड़ी आ जाने अयोध्यावासियों काफी खुश हैं।
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक अयोध्या में बड़ी कुटिया के दुकानदार इश्तियाक का कहना है, सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद विवाद खत्म हो गया। अब यहां के लोगों को राम से आस है कि वही इन्हें रोजगार दिलाएंगे। वर्षो का विवाद था अब वह खत्म हो गया है। अभी तक यहां पर राजनीतिक दलों ने मंदिर-मस्जिद के नाम फर फूट डालने का काम किया लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाए, यहां पर आपस मे भाईचारा है। अब बस राम मंदिर बनने से पर्यटन बढ़ेगा। लोगों को रोजी मिलेगी। प्रधानमंत्री के आने से अयोध्यावासी बहुत खुश हैं।
कृष्णकुमार ने कहा, अयोध्या में हमारी आंखों के सामने मंदिर बनने जा रहा है। एक बड़े विवाद का अंत हो गया। जिसके कारण पूरे विश्व पटल पर अयोध्या के लोगों का नाम खराब होता था, कम से कम वह खत्म हो गया। प्रधानमंत्री आ रहे हैं । यहां के लिए बहुत कुछ दे जाएंगे। अब यहां कोई विवाद बचा नहीं है।
अयोध्या की रहने वाली लीलावती कहती हैं कि कोरोना महामारी ने थोड़ा उत्सव का रंग फीका कर दिया है। लेकिन फिर भी जितना हो रहा है वो सब अयोध्या के विकास के लिए हो रहा है। राममंदिर बनने की बहुत खुशी है। कम से कम इतने सालों से चल रहा विवाद का अंत हो गया।
वहीं यहां के एक निवासी सुग्गु ने कहा कि अयोध्या पुराना विवाद निपट गया। राम जी का भव्य मंदिर बनने जा रहा है। हम लोगों को राम जी आशा है कि वो सभी को रोजगार दिलवाएंगे।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम के लिए 175 प्रतिष्ठित अतिथियों शामिल हो रहे हैं। आमंत्रित किए गए 175 प्रतिष्ठित अतिथियों में से 135 संत हैं जो विभिन्न आध्यात्मिक परंपराओं से जुड़े हुए हैं और वे सभी उपस्थित हैं। इनके अलावा शहर के भी कुछ गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया है। विश्व हिंदू परिषद के दिवंगत नेता अशोक सिंघल के भतीजे सलिल सिंघल कार्यक्रम में ''यजमान'' हैं। साथ ही नेपाल के संतों को भी आमंत्रित किया गया है क्योंकि जनकपुर का बिहार, उत्तर प्रदेश और अयोध्या से भी संबंध है। राज्य सरकार एक डाक टिकट भी जारी करेगी जोकि मंदिर के डिजाइन पर आधारित है।
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