Political Success In Horoscope Yog- अपने जीवन में हर कोई राजनेता राजनैतिक सफलता के शिखर पर बने रहना चाहता है। पर यह सब हर किसी के लिए मुनासिब नहीं होता है। कुंडली में बैठे ग्रह ही विशेष योगों का निर्माण करते है। इन्हीं योगों के माध्यम से सफलता की प्रबल संभावना बनती है। राजनीति में सफलता या विफलता के लिए ग्रह काफी हद तक असर डालते हैं। अन्य करियर की भांति ही राजनीति में प्रवेश करने वालों की कुंडली में भी विशेष ज्योतिष योग होते हैं।
ज्योतिष विद्या के अनुसार ये ग्रह किसी भी व्यक्ति को कुशल और चालाक राजनेता बना सकते हैं और राजनीति में बहुत कम समय में ही उच्च पदों पर बैठा सकते हैं। राजनीति ही एक ग्लैमरस क्षेत्र है जिसमें फिल्मी दुनिया के बाद प्रसिद्धि, पैसा और शौहरत बहुत अल्प समय में प्राप्त की जा सकती है। पर यह सब आपकी कुंडली व भाग्य पर भी निर्भर करता है। ऐसा हर किसी के लिए सम्भव नहीं होता है।
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1. यदि सूर्य खुद की या उच्च राशि सिंह मेष में होकर केंद्र त्रिकोण आदि शुभ भावों में बैठा हो तो राजनीति में सफलता मिलती है।
2. सूर्य दशम भाव में हो या दशम भाव पर सूर्य की दृष्टि हो तो राजनीति में सफलता मिलती है।
3. सूर्य यदि मित्र राशि में शुभ भाव में हो और अन्य किसी प्रकार से पीड़ित ना हो तो भी राजनैतिक सफलता मिलती है।
4. शनि खुद की उच्च राशि मकर कुम्भ तुला में होकर केंद्र त्रिकोण आदि शुभ स्थानों में बैठा हो तो राजनीती में अच्छी सफलता मिलती है।
5.यदि चतुर्थेश चौथे भाव में बैठा हो या चतुर्थेश की चतुर्थ भाव पर दृष्टि हो तो ऐसे व्यक्ति को विशेष जनसमर्थन मिलता है।
6. चतुर्थेश का खुद की या उच्च राशि में होकर शुभ स्थानं में होना भी राजनैतिक सफलता में सहायक होना माना गया है।
7. बृहस्पति यदि बलि होकर लग्न में बैठा हो तो राजनैतिक सफलता दिलाता है।
8. दशमेश और चतुर्थेश का योग हो या दशमेश चतुर्थ भाव में और चतुर्थेश दशम भाव में हो तो ये भी राजनीती में सफलता दिलाता है।
9. सूर्य और बृहस्पति का योग केंद्र त्रिकोण में बना हो तो ये भी राजनैतिक सफलता दिलाता है।
10. बुध आदित्य योग सूर्य बुध यदि दशम भाव में बने और पाप प्रभाव से मुक्त हों तो राजनैतिक सफलता दिलाता है।
इस ग्रह के कमजोर होने में राजनीति में सफलता नही मिलती
कुंडली में सूर्य शनि और चतुर्थ भाव बलि होने के बाद व्यक्ति को राजनीति में किस स्तर तक सफलता मिलेगी यह उसकी पूरी कुंडली की शक्ति और अन्य ग्रह स्थितियों पर निर्भर करता है। जिन लोगो की कुंडली में सूर्य नीच राशि तुला में हो राहु से पीड़ित हो अष्टम भाव में हो या अन्य प्रकार पीड़ित हो तो राजनीति में सफलता नहीं मिल पाती या बहुत संघर्ष बना रहता है। शनि पीड़ित या कमजोर होने से ऐसा व्यक्ति चुनावी राजनीति में सफल नहीं हो पाता कमजोर शनि वाले व्यक्ति की कुंडली में अगर सूर्य बलि हो तो संगठन में रहकर सफलता मिलती है।
राजनीती से जुड़े या राजनीती में जाने की इच्छा रखने वाले लोगों को सूर्य उपासना अवश्य करनी चाहिये
1. आदित्य हृदय स्तोत्र का रोज पाठ करना चाहिए इससे सूर्य बलवान होता है।
2. सूर्य को रोज जल अर्पित करने से लाभ मिलते हैं।
3. ॐ घृणि सूर्याय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए।
4.हनुमान चालीसा का पाठ करने से कमजोर ग्रह मजबूत होते है।
5.दुर्गा चालीसा का पाठ करने से कुरूप ग्रहों के प्रभाव कम होते है।
6.नित्य भगवान शिव का जलाभिषेक करने से राहू शनि का प्रकोप कम होता है।
इस सभी उपायों को करने से कमजोर ग्रहों को बलि किया जा सकता है। जिस सफलता से वंचित रहा जा रहा है वह जल्द ही अर्जित की जा सकती है।
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