सतोपंथ झील: इस रहस्यमयी झील से शुरू होता है स्वर्ग का मार्ग, ब्रह्मा-विष्णु और महेश ने यहां पर लगाई थी डुबकी

Satopanth Lake of Uttarakhand: महाभारत काल में देवभूमि उत्तराखंड के कई जगहों का उल्लेख है। इन्हीं में से एक है सतोपंथ झील। इसी झील से पांडवों ने शुरू की थी स्वर्ग की यात्रा...

Satopanth Glacier
Satopanth Glacier 
मुख्य बातें
  • पांडवों ने हिमालय के गोद में बसे संतोपंथ झील से ही अपने स्वर्ग की यात्रा शुरू की थी।
  • सतोपंथ का मतलब होता है सत्य का रास्ता।
  • इसी स्‍थान पर धर्मराज युधिष्ठिर के लिए स्‍वर्ग तक जाने के लिए आया था। 

Sathopanth Lake of Uttarakhand. महाभारत में पांडवों का देवभूमि उत्तराखंड से गहरा संबंध है। पांडवों ने अपना अज्ञातवास उत्तराखंड में ही बिताया था। वहीं, युद्ध के बाद ब्रह्म हत्या के लिए पांडवों ने केदारनाथ आकर प्रायश्चित किया था। यही नहीं, पांडवों ने हिमालय के गोद में बसे संतोपंथ झील से ही अपने स्वर्ग की यात्रा शुरू की थी। मान्यताओं के अनुसार सतोपंथ झील से ही स्वर्ग की सीढ़ी जाती है।  

सतोपंथ का मतलब होता है सत्य का रास्ता। महाभारत के अनुसार पांडवों ने स्‍वर्ग जाने के रास्‍ते में इसी पड़ाव पर स्‍नान और ध्यान लगाया था। इसके बाद ही उन्होंने आगे का सफर तय किया था। मान्यताओं के अनुसार पांडव जब स्वर्ग की तरफ जा रहे थे तब एक-एक करके सभी की मृत्यु हो गई थी। इसी स्थान पर भीम की मृत्यु हुई थी। पांडवों में केवल युद्धिष्ठिर ही सशरीर स्वर्ग पहुंचे थे। इसी स्‍थान पर धर्मराज युधिष्ठिर के लिए स्‍वर्ग तक जाने के लिए आकाशीय वाहन आया था। 
 
Satopanth Glacier

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रहस्यमयी है झील का आकार 
हिमालय के चौखंबा शिखर के तल पर स्थित संतोपंथ झील का आकार भी बेहद रहस्यमयी है। आम तौर पर झील चौकोर होती है लेकिन, सतोपंथ का आकार तिकोना है। मान्यताओं के अनुसार एकादशी के दिन त्रिदेव- ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने इस झील के अलग-अलग कोने में डुबकी लगाई थी। इसी कारण झील का आकार त्रिकोण है। एक अन्य मान्यता के अनुसार सतोपंथ झील की स्‍वच्‍छता रहेगी त‍ब तक ही इसका पुण्‍य प्रभाव रहेगा। 

Satopanth Glacier

निकलती है स्वर्ग की सीढ़ी 
सतोपंथ झील से कुछ दूर आगे चलने पर स्‍वर्गारोहिणी ग्‍लेशियर नजर आता है। कहा जाता है कि स्‍वर्ग जाने का रास्‍ता इसी जगह से जाता है। इस ग्‍लेशियर पर ही सात सीढ़‍ियां हैं जो कि स्‍वर्ग जाने का रास्‍ता हैं। 

Satopanth Glacier

इस ग्‍लेशियर पर अमूमन तीन सीढ़‍यिां ही नजर आती हैं। बाकी बर्फ और कोहरे की चादर से ढकी रहती हैं। स्वर्गरोहिणी तक की यात्रा के बारे में माना जाता है कि ये साक्षात स्वर्ग के मार्ग पर चलने के बराबर है।

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