बजरंगबली के नाम में ही इतनी शक्ति है कि उन्हें याद करने भर से संकट दूर हो जाते हैं। हनुमान कवच मंत्र अद्भुत शक्तियों से भरा मंत्र माना गया है। मान्यता है कि इस मंत्र को प्रभु श्रीराम ने रचा था और रावण से युद्ध के दौरान उन्होंने इस मंत्र को जपा था। यही नहीं देवी सीता ने भी लंका में खुद को सुरक्षित रखने के लिए श्री रामजी का ये रक्षा कवच धारण कर लिया था। रक्षा कवच वह अदृश्य आवरण होता है जिससे प्राणियों की रक्षा की जाती है।
यदि आप किसी संकट में हैं तो आपको सुरक्षा कवच मंत्र का दिन में तीन से चार बार शांति से मन में कहीं बैठ कर जाप करना चाहिए। इसके बाद मंत्र जाप बंद कर एकाग्रचित्त हो कर यह महसूस करें कि प्रभु का नाम आपके ईदगिर्द घूम रहा है और आप प्रभु नाम के घेरे में घिर गए हैं।
जानें, क्या हैं हनुमान कवच के लाभ
हनुमान कवच भूत, प्रेत, चांडाल, राक्षस व अन्य बुरी आत्माओं से बचाव का सबसे बड़ा मंत्र है। वहीं यदि आप पर या परिवार पर किसी ने टोना टोटका कर दिया हो तो उससे बचने के लिए भी आप इस मंत्र की शक्ति का प्रयोग कर सकते हैं। ये कवच सभी तरह के शोक को मिटा कर शरीर को शक्ति प्रदान करता है। जीवन में जो भी कष्ट होते हैं वह इस मंत्र को जप कर दूर किए जा जा सकते है।
ये है कवच मूल मन्त्र
“श्री हनुमंते नम:” ही हनुमान कवच का मूल मंत्र हैं। इस मंत्र का जाप 108 बार रुद्राक्ष की माला के साथ करने से सारे कष्ट दूर हो जाते है। मंत्र जाप के बाद हनुमानजी को चमेली का तेल में सिंदूर मिलाकर चढ़ाएं।
हनुमान जी के इन 6 शक्तिशाली मन्त्र के लाभ भी जानें
ये वो शक्तिशाली मंत्र हैं, जिनका जाप करने से सारी समस्याएं अपने आप ही दूर होने लगती हैं।
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