बड़ों की तुलना में बच्चों को जल्दी नजर लगती है। नजर लगना सिर्फ मन की भ्रांति नहीं बल्कि एक वैज्ञानिक क्रिया है। विज्ञान के अनुसार शरीर में विद्युत तरंगें होती है। इन विद्युत तरंगों से किसी प्रकार से बाधित होने पर शरीर लकवे का शिकार हो जाता है अत: शरीर की विद्युतीय तरंगता से नजर लगने का सीधा संबंध है।
बच्चों को जब नजर लगती है तो वह चिड़चिड़ाना शुरू कर देते हैं। उनका शरीर तपने लगता है और लगातार रोने लगते हैं। हमारे घर के बड़े बजुर्ग छोटे बच्चों को बुरी नजर से बचाने के लिये कई उपाय करते हैं। वह बच्चे को काला टीका लगाते हैं या फिर काला धागा बांधते हैं। यदि आपको भी अपने बच्चे को बुरी नजर से बचाना चाहते हैं तो यहां जानें उससे बचने के उपाय....
ये हैं नजर उतारने के उपाय
1. बच्चे को किसी अजनबी के घर का खाना न खिलाएं। घर में भी उसे अपने हाथों से परोसा खाना ही खिलाएं। यह खाना उसके शरीर में ठीक वैसे ही लगेगा जैसे मां का दूध।
2. रात को सोते समय बच्चे के सिर के दाईं तरफ पानी का एक लोटा या गिलास रखें। इससे रात को सोते समय कुविचार उसके मस्तिक पर कोई असर नहीं कर पाएंगे।
3. बच्चा सो कर जब भी जगे तो आप कोशिश करें कि उसके आस पास ही हों। बच्चा यदि आपको देखता है तो उसके मन में केवल आपकी ही तस्वीर बनती है।
4. यदि बच्चे को नजर लग गई है तो उसे लिटा कर फिटकरी का टुकड़ा सिर से पांव तक सात बार उबारें। फिर इस फिटकरी के टुकड़े को गोबर के कंड़े की आग पर डाल कर जला दें।
5. बच्चों को घरवालों की नजर लग जाए तो जब बच्चा बिस्तर पर सोने जाएं तो एक पत्थर को बच्चे के चारों तरफ घूमा कर पानी से धोकर एक नियत स्थान पर रख दें। जिस दिन खतरनाक नजर लगी होगी या उसे कोई बीमारी लगने वाली होगी तो वह पत्थर आपको टूटा मिलेगा।
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