शास्त्रों में वर्णित है कि देवी काली शत्रुओं और संकटों का नाश करने वाली हैं। यदि आप किसी झूठे मुकदमे या विवाद में फंस गए हैं अथवा आपके ऊपर शत्रुओं का हमेशा भय छाया रहता है तो आपको मां काली की पूजा जरूर करनी चाहिए। यही नहीं, देवी काली की पूजा से रोजगार और धन संबधित समस्याएं भी दूर होती हैं। यदि आप मां काली की उपासना किसी खास मकसद से कर रहे तो आपको देवी की पूजा करते समय कुछ खास बातों का ध्यान देना होगा।
बता दें कि मां काली शक्ति सम्प्रदाय प्रमुख देवी मानी गई हैं। ठीक वैसे ही जैसे की संहार के अधिपति शिव जी हैं, उसी तरह संहार की अधिष्ठात्री देवी मां काली को माना गया है। याद रखें देवी काली की पूजा हमेशा रात्रि के समय की जानी चाहिए, तभी वह फलीभूत होती है।
मां काली की पूजा में रखें इन बातों का खास ध्यान
ऐसे पाएं शत्रु और मुकदमें के झंझट से मुक्ति
27 शुक्रवार की रात लाल वस्त्र धारण कर आसन पर बैठे और मां काली के समक्ष दीपक और गुग्गुल की धूप जला कर लाल गुलाब का फूल चढ़ाएं। इसके बाद प्रसाद में पेड़े और लौंग अर्पित करें। फिर हाथ जोड़ कर देवी से अपनी समस्या बताएं और "ॐ क्रीं कालिकायै नमः" का 13 माला जाप करें। याद रखें पूजा करने के करीब 10 मिनट बाद तक जल को बिलकुल न स्पर्श करें।
कर्ज और मुकदमे से मुक्ति के लिए
यदि आपके ऊपर किसी ने झूठज्ञ मुकदमा कर दिया हो अथवा आप कर्ज तले दबे हों तो देवी काली के समक्ष शुक्रवार से लगातार नौ दिन तक गुग्गुल की धूप पान के पत्ते पर रखकर जलाएं।
मनवांछित इच्छा की पूर्ति के लिए
मनवांछित इच्छा की पूर्ति के लिए देवी काली के सामने बैठकर दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। ऐसा करीब 7 दिन लगातार करें।
नौकरी या व्यापार की समस्या से छुटकारे के लिए
यदि नौकरी या व्यापार पर संकट हो तो 11 या 21 शुक्रवार देवी काली के समक्ष बैठ कर “ॐ क्रीं नमः” 108 बार जपें।
देवी काली की पूजा राहु-केतु और शनि से मिल रहे कष्टों से मुक्ति के लिए भी की जाती है। इसके लिए शुक्रवार के दिन देवी की विशेष पूजा करनी चाहिए।
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