विष्णु-धर्मोत्तर पुराण ही एक ऐसा धार्मिक ग्रन्थ है जिसमें मानव जीवन से जुड़ी जानकारियां, नियम और तरीके बताए गए हैं। हालांकि इस पुराण के बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। विष्णु-धर्मोत्तर पुराण, विष्णु-पुराण का ही शेष संग्रह है। इस पुराण में ब्रह्मांड और खगोल-विद्या के आधार पर मानव जीवन से जुड़े कई तथ्य प्रस्तुत किए गए हैं जो मौजूदा समय में भी बहुत काम के हैं।
पुराण में मानव जीवन को जीने का सही और संयमित तरीका बताया गया है। साथ युद्ध-व्यवहार कुशलता, तप-साधना, रीति रिवाज, बीमारियां और उनके उपचार के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई। तो आज इस पुराण से हम ये जानने का प्रयास करते हैं कि खानपान को लेकर कौन सी हिदायते दी गई हैं। साथ ही बीमारियों की वजह खानपान कैसे है।
प्रकृति के विपरीत जीवनशैली
भगवान धनवंतरी ने सारे ही रोगों का कारण प्रकृति के विपरीत आचरण को बताया है। आज के समय में भी डॉक्टर जीवनशैली सुधारने की बात करते हैं। अस्त-व्यस्त जीवनशैली और खानपान के गलत तरीके बीमारी का कारण बताए गए है। पुराण के अनुसार बेहतर जीवन के लिए जरूरी है कि आप अपने जीवनशैली को सही रखें।
मांसाहार
विष्णु धर्मोत्तर पुराण में मांसाहार को बीमारियों का सबसे बड़ा कारण माना गया है। पुराण के अनुसार मानव शरीर में होने वाली करीब 160 प्रकार की बीमारियों के पीछे मांसाहार है। मरे हुए पशु-पक्षी का शरीर हानिकारक कीटाणुओं का घर होता है और जब इसे खाया जाता है तो शरीर में ये हानिकारक किटाणु बीमारियों की वजह बनते हैं।
पानी पीने की गलत आदत
खाना खाने के तुरंत बाद पानी पी लेना विष्णु पुराण के अनुसार 103 प्रकार की बीमारियों का कारण होती है। इससे कब्ज, हृदय और मस्तिष्क से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती है। पुराण के अनुसार खाना खाने के करीब 1 घंटे बाद तक पानी नहीं पीना चाहिए।
अधिक चाय पीना
विष्णु धर्मोत्तर पुराण की मानें तो चाय की अधिकता 80 प्रकार के रोगों को जन्म देती है। या तो चाय पीएं नहीं या तो ब्लैक टी पीएं।
प्लास्टिक या अन्य धातु के बर्तन
कांच, प्लास्टिक और मिक्स धातुओं के बर्तन के कारण शरीर में करीब 48 प्रकार के रोग हो सकते हैं। इनकी जगह प्राकृतिक पदार्थ से बने बर्तन जैसे मिट्टी, लकड़ी, तांबा या कांसा से बने बर्तनों का ही प्रयोग करने की सलाह दी गई है। इसी में खाना पकाने और खाने से बीमारियां दूर रहेंगी।
मदिरा तथा अंडे का सेवन
शराब तथा अंडे का सेवन भी हानिकारक श्रेणी में गिना गया है। शराब लिवर और अंडा किडनी रोग के लिए पुराण के अनुसार जिम्मेदार होता है।
भोजन के बाद स्नान
खाना खाने के बाद नहाने की आदत बीमारी का कारण है। खाने के बाद तुरंत नहाने से पाचन क्षमता कमजोर होती है।
नमक का प्रयोग
पुराण में सफेद नमक की जगह सेंधा नमक का उपयोग करने को कहा गया है यदि सेंधा नमक नहीं है तो काला नमक खाना चाहिए। सफेद नमक को भी बीमारियों का कारण माना गया है।
विष्णु पुराण में बीमारियों की वजह को वैज्ञानिक आधार पर भी सही माना गया है। विज्ञान भी मानता है कि बीमारियों का कारण गलत खानपान और बेकार लाइफस्टाइल है।
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