वसंत पंचमी के साथ वसंत ऋतु का आगमन शुरू हो चुका है। इस ऋतु के आने पर सर्दी कम हो जाती है, मौसम सुहावना हो जाता है और पेड़ों में नए पत्ते आने लगते हैं। अतः राग रंग और उत्सव मनाने के लिए यह ऋतु सर्वश्रेष्ठ मानी गई है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती का जन्म हुआ था और इस वजह से इस दिन उनकी पूजा की जाती है।
वसंत पंचमी के दिन पीले रंग का कपड़ा पहनना बेहद शुभ माना गया है। यह रंग शुद्ध और सात्विक प्रवृत्ति का प्रतीक माना जाता है। इस दिन लोग मां सरस्वती को पीले रंग के फूल और वस्त्र चढ़ाते हैं। आइये जानते हैं कि वसंत पंचमी के दिन पीला रंग पहनना क्यों शुभ माना जाता है।
इस दिन सूर्य उत्तरायण होता है, जो यह संदेश देता है कि हमें सूर्य की तरह गंभीर और प्रखर बनना चाहिए। इस दिन से धरती सरसों की फसल की वजह पूरी तरह से पीली नजर आने लगती है। इस दौरान पेड़ पौधों में नई पत्तियां आने लगती हैं, ठंड जाने लगती है और मौसम सुहावना होने लगता है। इसे ध्यान में रखकर इस दिन लोग पीले रंग के कपड़े पहनकर वसंत पंचमी का स्वागत करते हैं। यही कारण है वसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा कहा गया है।
वसंत पंचमी के दिन लोग न केवल पीले कपड़े पहनते हैं बल्कि खाने में भी पीले रंग की चीजें बनाते हैं। मां सरस्वती को भी पीले रंग का भोग लगाया जाता है। माना जाता है कि पीला रंग इंसान के अंदर ऊर्जा पैदा करता है और उसे खुशी तथा उमंग प्रदान करता है।
बता दें कि पुरातनकाल में बच्चों की शिक्षा बसंत पंचमी के दिन से ही आरंभ की जाती थी। इस दिन बच्चों को मां सरस्वती की आराधना करनी चाहिये। सुबह स्नान कर पीले या सफेद वस्त्र धारण करने चाहिये और मां सरस्वती को पीले और सफेद पुष्प जरूर अर्पित करना चाहिये।
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