भाई दूज का पावन पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। रक्षाबंधन की तरह यह त्योहार भी भाई बहन के प्रति एक दूसरे के स्नेह को अभिव्यक्त करता है। सनातन धर्म में इस त्योहार का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि भाई दूज का त्योहार ना केवल भाई बहन के प्यार भरे रिश्ते में विश्वास और सम्मान में वृद्धि करता है बल्कि इस त्योहार के माध्यम से भाई के लंबी उम्र होने की भी मान्यता है।
इस दिन बहने अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर उसके उज्जवल भविष्य और लंबी उम्र की कामना करती हैं। वहीं भाई भी बहन की रक्षा का संकल्प लेता है और उपहार देता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भाई के दीर्घायु के लिए यमराज की पूजा अर्चना का विधान है। ऐसे में इस लेख के माध्यम से आइए जानते हैं भाई दूज पर टीका पूजा विधि शुभ मुहूर्त और समय।
तिलक का शुभ मुहूर्त:
हिंदू पंचांग के अनुसार भाई दूज के पावन पर्व 6 नवंबर 2021, शनिवार को है। इस दिन तिलक का शुभ समय दोपहर 01 बजकर 10 मिनट से शाम 03 बजकर 21 मिनट तक है। यानि तिलक की कुल अवधि 2 घंटे 11 मिनट है।
भाई दूज टीका पूजा विधि:
भाई दूज के पावन अवसर पर सबसे पहले थाली सजाकर रख लें, उसमें रोली, अक्षत, गोला और मिठाई रखें। सबसे पहले भगवान गणेश जी की पूजा अर्चना करें। इसके बाद घी का दीपक जलाकर भाई की आरती करें और शुभ मुहूर्त देखकर तिलक लगाएं। इसके बाद घर की उत्तर पूर्व दिशा में चौकी बिछाएं और फिर भाई को बिठाकर तिलक करें और नारियल का गोला देकर मिठाई खिलाएं।
इसके बाद सादर पूर्वक भाई को भोजन कराना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन बहन के घर भोजन करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते है इस दिन टीका पूजा का शुभ मुहूर्त।
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