शरद पूर्णिमा धार्मिक ही नहीं स्वास्थ्य के लिहाज से भी बहुत उत्तम मानी गई है। इस दिन चांद की किरणों से अमृत वर्षा होती हैं, जो सेहत के साथ ही चंद्र से जुड़ी समस्याओं के लिए भी बहुत खास मानी जाती है। यदि किसी की कुंडली में चंद्र की स्थिति कमजोर है तो उसे मजबूती प्रदान करने के लिए आज के दिन खास उपाय जरूर करने चाहिए। चंद्रदेव की पूजा के साथ उनके मंत्र का जाप और कुछ उपाय चंद्र को मजबूती प्रदान करेंगे। चंद्रदेव की पूजा से मन-मस्तिष्क को शांति के साथ शीतलता प्राप्त होती है। साथ ही धन, धान्य, संपत्ति और ऐश्वर्य की प्राप्ति भी होती है। तो आइए जानें कि शरद पूर्णिमा के दिन किन मंत्रों का जाप करें और क्या उपाय करने चाहिए।
जानें, समय और चंद्रदेव की पूजा विधि (Sharad Purnima Puja Time and Vidhi)
शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रदेव अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण प्रकाश को धरती पर डालते हैं। चंद्र की किरणें जब धरती पर आने लगें तब उनसे जुड़े मंत्रों का जाप करना चाहिए। इस दिन रात 11 बजे से लेकर रात 1 बजे के बीच गंगाजल मिश्रित जल से स्नान करने के बाद खुले आसमान के नीचे कुश के आसान पर उत्तर की ओर मुखकर बैठ जाएं। सर्वप्रथम चंद्रदेव को धूप-दीप और पुष्प अर्पित कर प्रणाम करें। फिर सफेद वस्त्र पहनकर चन्द्रमा का ध्यान करें और इसके बाद तुलसी या कमल गट्टे की माला से मंत्र का जाप करें। जप पूरा होने के बाद चांदी के किसी बर्तन में शुद्ध जल या देशी गाय के दूध से चंद्रदेव को अर्घ्य दें और “ऊं चंद्राय नमः” का जाप करें। इससे सुख सौभाग्य में निरंतर वृद्धि होती रहती है।
इन मंत्रों का करें जाप (Sharad Purnima Pooja Mantra)
1. ॐ चं चंद्रमस्यै नम:
2. दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव सम्भवम। नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुट भूषणं ।।
3. ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:।
4. ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:।
5. ॐ भूर्भुव: स्व: अमृतांगाय विद्महे कलारूपाय धीमहि तन्नो सोमो प्रचोदयात्।
महामृत्युंजय मन्त्र
ॐ त्र्यम्बकम् यजामहे सुगन्धिम् पुष्टि वर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
शरद पूर्णिमा पर जरूर करें ये काम (Sharad Purnima Niyam and Rituals)
1. शरद पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा को देशी गाय के दूध का अर्घ्य देने के साथ ही खीर का भोग लगाना चाहिए। ये उपाय आपके जीवन के समस्त दुखों का अंत कर देगा।
2. रात में गाय के दूध से बनी खीर में घी और चीनी मिलाकर खुले आसमान के नीचे रख दें। दूसरे दिन उसका खीर का भोग करें।
3. शरद पूर्णिमा की व्रत कथा सुनें।(Sharad Purnima Vrat Katha) कथा सुनने से पहले एक लोटे में जल और गिलास में गेहूं, पान पत्ते के दोनों में रोली और चावल रखकर उस पर दक्षिणा चढ़ाएं। फिर तिलक करने के बाद गेहूं के 13 दाने हाथ में लेकर कथा सुनें। बाद में गेहूं में और गेहूं मिलाकर दक्षिणा समेत किसी जरूरतमंद को दे दें और लोटे का जल रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने लिए रख दें।
4. यदि आपको मानसिक कष्ट हो अथवा डिप्रेशन तो आपको इस दिन चंद्रमा को टकटकी लगाकर देखना चाहिए। यह उपाय आपके चंद्र को मजबूत बनता है।
शरद पूर्णिमा की रात किए गए ये उपाय और मंत्र जाप आपके जीवन में नई खुशियों का संचार करेंगे।
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