Pradosh Vrat December 2021: इस बार प्रदोष व्रत मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी 1 दिसंबर की रात से प्रारंभ होकर 02 दिसंबर तक रहेगी। इस व्रत को 02 दिसंबर को रखा जाएगा। गुरुवार के दिन पड़ने के कारण यह गुरु प्रदोष व्रत है। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत को करने से भोलेनाथ बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं। धर्म के अनुसार शिव शंकर की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए प्रदोष व्रत बेहद शुभ माना जाता है। शास्त्र के अनुसार प्रदोष व्रत करने वाले भक्तों पर भोलेनाथ की विशेष कृपा रहती है। यह व्रत जीवन में सुख-समृद्धि और सौभाग्य प्रदान करता हैं। यदि आप भी भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त करना चाहते है, तो इस व्रत को जरूर करें। यहां आप इस व्रत की पूजा विधि एवं मुहूर्त जान सकते हैं।
-प्रदोष व्रत करने के एक दिन पहले आप सात्विक भोजन करें।
- प्रदोष व्रत के दिन सुबह-सुबह उठकर स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहन के हाथों में जल लेकर भगवान शिव शंकर की पूजा करने का संकल्प करें।
- अब पूजा के स्थान पर भोलेनाथ और उनके परिवार के सभी सदस्यों की पूजा करें।
- दिन में फलहार करें।
- व्रत के दौरान बिल्कुल ना सोएं।
- शाम के समय पूजा मुहूर्त में शिव मंदिर में जाकर या घर के मंदिर में ही शिवलिंग पर गंगाजल और गाय के दूध से अभिषेक करेंष
- अब भांग, धतूरा, बेलपत्र, शहद, फूल और सफेद चंदन आदि भोलेनाथ पर अर्पित करें।
- सारी चीजें अर्पित करते समय ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करते रहे।
- भोलेनाथ की पूजा करने के बाद मां पार्वती, भगवान कार्तिकेय, नदी और श्री गणेश की पूजा जरूर करें।
- इस दिन शिव चालीसा का पाठ और उनकी आरती अवश्य पढ़ें।
- आरती करने के बाद भगवान के सामने हाथ जोड़कर पूजा में की गई गलतियों की क्षमा याचना मांगे।
- अब आपने जिस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए इस व्रत को रखा है, वह भगवान के सामने प्रकट करें।
- व्रत की अगली सुबह भोलेनाथ की पूजा करके पारण करें।
त्रयोदशी तिथि प्रारंभ- 1 दिसंबर को रात 11 बजकर 35 मिनट से
त्रयोदशी तिथि समाप्ति- 2 दिसंबर को रात 8 बजकर 26 मिनट तक
शाम 5 बजकर 24 मिनट से रात 8 बजकर 7 मिनट तक
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