हिंदू पंचांग की ग्यारहवी तिथि को एकादशी कहते हैं। एकादशी को समस्त सांसारिक कामनाओं की पूर्ति के लिए बेहद खास माना गया है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन जो भी व्यक्ति सच्ची श्रद्धा के साथ व्रत रखता है उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है। कामदा एकादशी का व्रत रखने से प्रेत योनि से भी मुक्ति मिल सकती है और इसे सीधा स्वर्ग जाने का द्वार भी माना गया है। यह पहली एकादशी है जो चैत्र नवरात्रि और रामनवी के बाद मनाई जाती है।
क्या है कामदा एकादशी की व्रत विधि
- एकादशी को निर्जला व्रत करना होता है।
- सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें और विष्णु जी की पूजा करें।
- विष्णु जी को पीला फूल चढ़ाएं। इसमें गेंदा एकदम उपयुक्त रहेगा। साथ ही फल में आम या खरबूजा, तिल, दूध और पेड़ा चढ़ाएं।
- पूजन के दौरान ॐ नमो भगवते वासुदेवाये का जाप करें।
- मंदिर के पुजारी को भोजन करवाकर दक्षिणा दें।
कामदा एकादशी के राशि के अनुसार उपाय
- मेष राशि के लिए घी में सिंदूर मिलाकर विष्णु जी को लगाएं। इससे दरिद्रता दूर होगी।
- वृष और मिथुन राशि के लोग माखन और मिश्री का भोग लगाएं।
- कर्क राशि के लोग दूध और हल्दी भगवान को अर्पित करें।
- सिंह राशि के लोग गुड़ का भोग लगाएं तो कन्या राशि वाले श्री हरि को तुलसी अर्पित करें।
- तुला राशि के लोगों को मुल्तानी मिट्टी का लेप भगवान की तस्वीर पर लगाना चाहिए।
- वृश्चिक राशि वाले दही और शहद का भोग भगवन को लगाएं तो धनु राशि के लोग चने का प्रसाद चढ़ाएं।
- मकर राशि के लोगों को लौंग इलायची चढ़ाने से फायदा होगा।
- कुंभ राशि वालों को नारियल मिश्री का भोग भगवान को लगाना चाहिए तो मीन राशि वाले विष्णु जी को केसर का तिलक करें।
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