कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या कहते हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ माह बेहद शुभ माना जाता है। इस दौरान अनेक पुण्य कार्य करने से र्स्वग लोग की प्राप्ति होती है। माघ अमावस्या के दिन गंगा, यमुना या अन्य पवित्र नदियों, जलाशय अथवा कुंड में स्नान करना चाहिए।
इस मास को भी कार्तिक के समान पुण्य मास कहा गया है। गंगा तट पर इस कारण भक्त जन एक मास तक कुटी बनाकर गंगा सेवन करते हैं। मौनी अमावस्या पर मौन रखकर प्रयागराज त्रिवेणी संगम में डुबकी अथवा काशी में दशाश्वमेध घाट पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है। मौनी अमावस्या मुनि शब्द से उत्पन्न हुआ है।
माघ अमावस्या व्रत और नियम इस प्रकार हैं-
ऐसा कहा जाता है कि मौनी आमवस्या के दिन गंगा जल अमृत में बदल जाता है। इस दिन अगर आप व्रत रख रहे हैं तो प्रात उठ कर सबसे पहले स्नान करें और फिर भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करें।
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