माघ मास में आने वाली अमावस्या को माघी या मौनी अमवास्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन मौन व्रत धारण कर संगम में या फिर किसी पवित्र नदी में डुबकी लगाने का विशेष महत्व है। यही नहीं इस दिन दान करने का भी बड़ा महत्व माना गया है। इस दिन लोग स्नान कर अन्न, वस्त्र, धन, गौ और भूमि का दान करते हैं, इसका फल सतयुग के ताप के बराबर माना गया है।
मौनी अमावस्या पर मौन रख व्रत रखा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य को आत्मा और चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है। ऐसे में किसी साधना को निर्विघ्न रूप से पूरा करने के लिए मन को नियंत्रित करना जरूरी है। ऐसे में मन पर नियंत्रण पाने के लिए माघ मास की अमावस्या के दिन मौन रखकर स्नान करने का विधान है। अब आइये जानते हैं मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त क्या है और मौनी अमावस्या पूजन के नियम क्या हैं...
मौनी अमावस्या शुभ मुहूर्त
मौनी अमावस्या पूजन के नियम
ऐसा कहा जाता है कि मौनी आमवस्या के दिन गंगा जल अमृत में बदल जाता है। इस दिन अगर आप व्रत रख रहे हैं तो प्रात उठ कर सबसे पहले स्नान करें और फिर भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करें।
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