Mahashivrarti 2021 date: इस वर्ष महाशिवरात्रि पर ग्रहों के विशेष संयोग, यहां जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

शिव भक्तों के लिए महाशिवरात्रि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है, इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना बहुत धूम-धाम से की जाती है। कहा जाता है कि भगवान शिव की पूजा करने से सारे कष्ट दूर होते हैं।

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मुख्य बातें
  • फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन मनाई जाती है महाशिवरात्रि, अति शुभ मानी जाती है यह तिथि
  • महाशिवरात्रि का व्रत रखने से कन्याओं को होती है योग्य वर की प्रप्ति, शिव भक्तों की मनोकामनाएं होती हैं पूरी
  • इस वर्ष महाशिवरात्रि पर बन रहें हैं कई शुभ ग्रह संयोग, भगवान शिव की पूजा-अर्चना करना माना जाता है फलदायक

हिंदू धर्म में भगवान शिव को प्रमुख देवता माना गया है, यह त्रिदेवों में से एक हैं। भारत में भगवान शिव की पूजा बहुत श्रद्धा-भाव से की जाती है। इन्हें शंकर, महादेव, रुद्र, गंगाधर, भोलेनाथ, नीलकंठ आदि नामों से भी जाना जाता है। भगवान शिव को संहार को देवता भी कहा गया है। भारत के विभिन्न प्रातों में भगवान शिव के कई भव्य मंदिर मिलते हैं जहां हर साल भक्तों का भारी जमावड़ा लगता है लेकिन महाशिवरात्रि के दिन यहां भक्त दूर-दूर से भगवान शिव के दर्शन करने आते हैं। कहा जाता है कि शिवभक्तों के लिए महाशिवरात्रि का दिन बहुत अनुकूल होता है। 

हर साल महाशिवरात्रि फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन मनाई जाती है। इस वर्ष महाशिवरात्रि 11 मार्च को मनाई जाएगी। कहा जा रहा है कि इस वर्ष महाशिवरात्रि के दिन को शिव योग और घनिष्ठा नक्षत्र बहुत लाभकारी बना रहा हैं। ज्योतिषीय गणना के मुताबिक, इस दिन चंद्र ग्रह मकर राशि में विराजमान होगा। 

यहां जानिए महाशिवरात्रि तिथि, शुभ मुहूर्त और चारों पहर की पूजा का समय 

  1. महाशिवरात्रि तिथि: - 11 मार्च 2021, बृह्पतिवार
  2. महाशिवरात्रि निशिता काल: 11 मार्च (रात 12:06 से लेकर 12:55 तक)  अवधि: 48 मिनट 
  3. महाशिवरात्रि प्रथम प्रहर: 11 मार्च (शाम 06:27 से लेकर 09:29 तक)
  4. महाशिवरात्रि द्वितिय प्रहर: 11 मार्च (रात 09:29 से लेकर 12:31 तक)
  5. महाशिवरात्रि तृतीय प्रहर: 11 मार्च (रात 12:31 से लेकर 03:32 तक) 
  6. महाशिवरात्रि चतुर्थ प्रहर: 12 मार्च (सुबह 03:32 से लेकर 06:34 तक) 
  7. महाशिवरात्रि पारण समय: 12 मार्च (सुबह 06:34 से लेकर शाम 03:02 तक)


महाशिवरात्रि का महत्व

ऐसा माना जाता है कि जो भक्त इस दिन भगवान शिव की पूजा करता है उसके सभी दुख-दर्द दूर होते हैं और जीवन सुखमय रहता है। अविवाहित कन्याओं के लिए यह दिन बहुत अनुकूल माना गया है, कहा जाता है कि इस दिन जो कन्या महाशिवरात्रि का व्रत रखती है और भगवान शिव की पूजा करती है उसे योग्य वर की प्राप्ति होती है। अगर किसी कन्या के विवाह में विघ्न आ रहा है तो भगवान शिव की पूजा करने से सभी दिक्कतें दूर हो जाती हैं। भोले भंडारी की पूजा करने से भूत-प्रेत जैसे डर से भी मुक्ति मिलती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है। 


 

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