अगहन माह यानी कि मार्गशीर्ष माह का आज से प्रारंभ हो चुका है। इस माह में पड़ने वाली अमावस्या तिथि को मार्गशीर्ष अमावस्या कहा जाता है। जिस तरह से कार्तिक माह की आमवस्या को मां लक्ष्मी की पूजा होती है, ठीक उसी तरह से मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन भी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन उपवास करने से अत्यंत शुभ फल की प्राप्ति होती है और व्रती के सभी प्रकार के रोग-दोष का नाश होता है।
अमावस्या होने के कारण स्नान, दान-पुण्य और अन्य धार्मिक कार्य किए जाने का अपना ही महत्व होता है। इतना ही नहीं इस दिन पितरों के कार्य विशेष रूप से सम्पन्न किए जाते हैं और यह दिन पूर्वजों के पूजन का दिन होता हैं।
मार्गशीर्ष अमावस्या व्रत का महत्व
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन व्रत रखने से अपने पितरों को प्रसन्न किया जा सकता है। जिन जातकों की कुंडली में पितृ दोष है या फिर जिनकी कुंडली में संतान प्राप्ति के योग न दिखाई देते हों, या फिर भाग्य स्थान में राहू नीच के हों तो ऐसे लोग अमावस्या का उपवास अवश्य करें।
इस दिन उपवास रखने से ब्रह्मा, इंद्र, रूद्र, अश्विनीकुमार, सूर्य, अग्नि, पशु-पक्षियों सहित सब भूत-प्राणियों की तृप्ति होती है।
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