शिवरात्रि पूजन और व्रत विशेष फलदायी माना गया है। इस दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल यानी जब दिन और रात मिल रहे हों तब करना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। शिवरात्रि पूजा करने से मनुष्य की मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं और उसके जीवन के कष्ट भी दूर होते हैं। मासिक शिवरात्रि, शिव और शक्ति की अराधना का पर्व होता है। फाल्गुन महा के कृष्ण पक्ष की शिवरात्रि पर भगवान शिव मध्य रात में लिंग के रूप में अवतरित हुए थे और इस दिन से महाशिवरात्रि मनाई जाने लगी। इसके साथ ही हर माह की चतुर्थी तिथि को मासिक शिवरात्रि भी मनाई जाने लगी।
अगले दिन भगवान शिव की पूजा करें और दान आदि करने के बाद अपना व्रत खोलें। पारण सत्विक भोजन के साथ करें।
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