शिव पुराण में लिखा है कि सर्वप्रथम शिवलिंग की पूजा भगवान विष्णु और ब्रह्माजी ने की थी। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव, शिवलिंग के रूप में उदभव हुए थे और इसके बाद से ही फाल्गुन मास की चतुर्थी के दिन से महाशिवरात्रि और हर मास की चतुर्थी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाने लगी। पुराणों में उल्लेख है कि मासिक शिवरात्रि किसी भी मास से शुरू नहीं होती, बल्कि इसकी शुरुआत हमेशा महाशिवरात्रि के दिन से की जाती है।
मासिक शिवरात्रि कई मनोकामनाओं की पूर्ति और कष्टों से मुक्ति पाने के लिए किया जाता है। अगर व्रत के नियमों का पालन सही से किया जाए तो इससे हर असंभव कार्य भी आसानी से हो जाते हैं।
नियमों का पालन कर के ही व्रत को पूर्ण किया जा सकता है। इसलिए मासिक शिवरात्रि पर विधि पूर्वक पूजा पाठ करें और नियमों का पालन करें।
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