नवरात्र में मां के मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है लेकिन इस साल कोरोनावायरस के कहर के चलते बेहतर है कि आप घर पर ही मां की आराधना करें और पूजा स्थलों पर जाने से बचें। 25 मार्च से शुरू हो रहे चैत्र नवरात्र को मनाएं लेकिन कोरोना से भी बचें। इससे जहां आप स्वस्थ रहेंगे वहीं मां को अपनी भक्ति से प्रसन्न भी कर सकेंगे। सुजीत जी महाराज का कहना है कि मां तो सर्वत्र हैं। वह ममतामयी हैं और जगतजननी हैं। अपने भक्तों के लिए वह करुणा की सागर हैं। ऐसे में घर पर अगर आप उनकी सच्चे मन से पूजा व प्रार्थना करेंगे तो वह आप पर अपनी कृपा जरूर बनाएंगी।
अखंड जोत जला कर रखें
घर पर चैत्र नवरात्र प्रतिपदा के दिन शुभ मुहूर्त मेम कलश स्थापना करें। अपने घर के मंदिर में कलश के सम्मुख उचित आसन प्रयास करें कि कुश का आसन हो उस पर बैठकर माता की मूर्ति के सम्मुख अखंड दीपक जलाएं। वह दीप पूरे नवरात्र जलेगा। दीपक घी या तिल के तेल का ही हो तो बेहतर है।
ऐसे करें नित्य पूजा
कलश स्थापना के बाद प्रतिदिन प्रातःकाल घर के मंदिर में कलश के सम्मुख दुर्गासप्तशती का पूरा पाठ करें। श्री गणेश स्तुति से आरंभ करें व माता की आरती पर पूजा सम्पूर्ण करें। यदि आपके पास किसी कारण वश समयाभाव है तो निम्न पाठ अवश्य करें -
1-माता का 32 नाम
2-माता का 108 नाम
3-सिद्धिकुंजिकस्तोत्र
4-श्री रामरक्षास्तोत्र
5-माता की आरती
नवरात्र में प्रतिदिन ब्रम्हमुहूर्त में श्री रामरक्षास्तोत्र का पाठ बहुत ही पुण्यदायी है। किसी भी प्रकार के रोग व भय से मुक्त करने के लिए यह बहुत ही रामबाण उपाय है। घर के सभी सदस्य मिलकर घर पर माता का संकीर्तन करें व सुंदरकांड का पाठ करें।
इस मंत्र का करें जाप
ॐ ऐं ह्लीं क्लीं चामुण्डाय विच्चै
इस बीज मंत्र को कम से कम 108 बार जप करें।रूद्राक्ष की माला पर ॐ नमः शिवाय व इस बीज मंत्र को क्रमशः पढ़ते रहें जिससे आपकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
नित्य करें दान
अब बाहर तो जा नहीं सकते, इसलिए रोजाना की पूजा में ऐसा दान निकालें जो लंबे समय तक खराब न हो और उसे आप बाद में बांट सकें। दान के रूप में प्रतिदिन अन्न निकालते रहें। गाय के लिए गुड़ निकालें जो मंगल व सूर्य का द्रव्य माना जाता है।
श्री रामचरितमानस का पाठ करें
घर के सभी सदस्य क्रमशः अपने ही मानस का पाठ 9 दिन करते रहें। प्रतिपदा से प्रारम्भ करें व नवमी तक सम्पूर्ण करके खुद ही हवन करें। घर में सम्पूर्ण सफाई व सात्विकता रहे ताकि आध्यात्मिक व धार्मिक वातावरण बन सके। इस प्रकार नवरात्र में पूजा पाठ व दान करने से माता दुर्गा प्रसन्न होकर आपकी व आपके परिवार की प्रत्येक मनोकामना पूर्ण करेंगी।
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