Utpanna ekadashi के दिन भगवान विष्णु से प्रकट हुई थी एकादशी, मोक्ष प्राप्ति के लिये ऐसे करें पूजा

व्रत-त्‍यौहार
Updated Nov 20, 2019 | 07:52 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Utpnna Ekadashi puja: उत्पन्ना एकादशी के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु और एकादशी माता की पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस व्रत के प्रभाव से मोक्ष की प्राप्ति होती है। 

Utpanna ekadashi vrat
Utpanna ekadashi vrat 

मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी का व्रत किया जाता है। इस वर्ष उत्पन्ना एकादशी 22 नवंबर, शुक्रवार को है। यह दिन भगवान विष्‍णु की पूजा अर्चना की जाती है। हिंदू धर्म में भी उत्पन्ना एकादशी का बेहद खास महत्‍व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस व्रत के प्रभाव से मोक्ष की प्राप्ति होती है। 

इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु और एकादशी माता की पूजा की जाती है। मान्यताओं के अनुसार इसी दिन एकादशी माता का जन्म हुआ था, इसलिए इसे उत्पन्ना एकादशी कहते हैं। आइये जानते हैं भगवान विष्णु और माता एकादशी की पूजा कैसे की जाती है। 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
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उत्पन्ना एकादशी व्रत की विधि

  • इस एकादशी का व्रत दशमी की रात से शुरू होता है जो द्वादशी के सूर्योदय तक रहता है। दशमी के दिन सात्विक भोजन ग्रहण कर इस व्रत की शुरूआत की जाती है।
  • उत्पन्ना एकादशी के दिन प्रातःकाल स्नान करके भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करना फलदायी होता है। इसके बाद भगवान विष्णु और माता एकादशी की पूजा की जाती है।
  • एकादशी का व्रत रखने के बाद किसी भी तरह का अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए। उत्पन्ना एकादशी का निर्जला व्रत रखने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
  • इस दिन अश्वमेघ यज्ञ कराने और भगवान विष्णु की कथा सुनने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
  • उत्पन्ना एकादशी के दिन दीपदान और अन्नदान करना चाहिए। इसके अलावा गरीबों, जरूरतमंदों और ब्राह्मणों को अपने सामर्थ्य के अनुसार दान देना चाहिए।
  • रात्रि में भजन कीर्तन करना चाहिए और देवी देवताओं की आराधना करनी चाहिए।

कहा जाता है कि उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु ने मुरमुरा नामक राक्षस का नाश किया था। इस खुशी में उत्पन्ना एकादशी मनायी जाती है।

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