मुंबई. दशहरा के बाद आज दुर्गा विसर्जन हैं। आज दुर्गा विसर्जन मुहूर्त दो घंटे 14 तक चलने वाला है। दशमी तिथि के दिन विसर्जन से पूर्व मां दुर्गा का श्रृंगार किया और मीठे व्यंजनों का भोग लगाया जाता है।
दुर्गा विसर्जन का मुहूर्त सुबह 06 बजकर 29 मिनट से शुरू होगा। ये सुबह 8 बजकर 43 मिनट तक चलेगा। दुर्गा विसर्जन के बाद ही श्रद्धालु नवरात्रि का अपना व्रत तोड़ते हैं। मान्यताओं के अनुसार मां धरती पर नौ दिन लिए आती हैं।
मां दुर्गा नौ दिन के बाद वो फिर से अपने घर यानी शिवजी के पास माता पार्वती के रूप में कैलाश पर्वत पर चली जाती हैं। दुर्गा विसर्जन के बाद महिलाएं सिंदूर खेला करती हैं। विवादित महिलाएं एक दूसरे को सिंदूर लगाया करती हैं।
जल को कहा गया है ब्रह्मा
हिंदू मान्यताओं के मुताबिक जल को ब्रह्मा कहा गया है। सृष्टि की शुरुआत जल से ही हुई है। वहीं, सृष्टि के बाद केवल जल ही जल होगा। जल से आरंभ, मध्य और अंत भी बताया गया है। इसके अलावा जल में ही तीनों देवों का वास भी होता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार जल में देव और देवियों की प्रतिमाओं को विसर्जित इस कारण किया जाता है कि उनके प्राण मूर्ति से निकलकर सीधे परम ब्रह्म में लीन हो जाते हैं। इसी कारण पूजा पाठ में भी जल का प्रयोग किया जाता है।
पोटली में रखा जाता है श्रृंगार का सामान
दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरा एक पोटली में मां दुर्गा के श्रृंगार का सारा सामाना और खाने की चीजें रख दी जाती हैं। दरअसल मान्याता है कि देवलोक तक जाने में उन्हें रास्ते में किसी भी तरह कोई तकलीफ न हो।
आपको बता दें कि पौराणिक कथाओं के अनुसार दशमी के दिन ही मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था। इसके अलावा भगवान श्री राम ने भी रावण का वध किया जाता था। इसी कारण विजयदशमी का पर्व मनाया जाता था।
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