Headline: Vijaya Ekadashi 2020: आज विजया एकादशी, जाने व्रत कथा, पूजा विधि और पारण का समय

व्रत-त्‍यौहार
मेधा चावला
मेधा चावला | SENIOR ASSOCIATE EDITOR
Updated Feb 17, 2020 | 12:29 IST

Vijaya Ekadashi Katha 2020: व‍िजया एकादशी की कथा, एकादशी व्रत में व‍िजया एकादशी को शत्रुओं का नाश करने वाली माना जाता है। इस एकादशी का व्रत पालन श्री राम ने रावण पर व‍िजय प्राप्‍त करने के लिए क‍िया था।

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Vijaya Ekadashi : व‍िजया एकादशी को शत्रुओं का नाश करने वाली बताया गया है 

भगवान व‍िष्‍णु को प्रसन्‍न करने के लिए एकादशी का व्रत रखा जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर महीने दो एकादशी आती हैं। वहीं फाल्गुन कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी का व्रत रखा जाता है। साल 2020 में व‍िजया एकादशी 19 फरवरी, बुधवार के द‍िन आ रही है। एकादशी का व्रत करने से न सिर्फ सभी कार्यों में सफलता मिलती है, बल्कि पिछले जन्म के पापों का भी नाश होता है। वहीं व‍िजया एकादशी को खासतौर पर शत्रुओं का नाश करने वाली बताया गया है। विजया एकादशी के दिन भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित कर व‍िध‍िवत पूजा करें। इसके अलावा, भगवान विष्णु को तुलसी सबसे अधिक प्रिय है इसलिए इस दिन तुलसी को आवश्यक रूप से पूजन में शामिल करें।

Vijaya Ekadashi Date and Paran Time 

व‍िजया एकादशी की तारीख - 19 फरवरी 2020 
एकादशी तिथ‍ि कब शुरू होगी - 18 फरवरी को दोपहर 2:32 बजे
एकादशी तिथ‍ि कब खत्‍म होगी -  19 फरवरी को दोपहर 3:02 बजे 
व‍िजया एकादशी का पारण समय - 20 फरवरी को सुबह 6:56 बजे से 09:14 बजे तक 

श्री राम से जुड़ी व‍िजया एकादशी की कथा 
रामायण काल में प्रभु श्री राम ने लंका प्रस्थान करने का निश्चय किया। उन्होंने भयंकर जलीय जीवों से भरे समुद्र को देखकर लक्ष्मण ने सलाह दी कि यहां से कुछ दूरी पर बकदालभ्य मुनि का आश्रम है। प्रभु आप उनके पास जाकर उपाय पूछिए। लक्ष्मण जी की इस बात से सहमत होकर श्री राम, बकदालभ्य ऋषि के आश्रम गए और उन्हें प्रणाम किया। वह प्रभु राम को देखते ही मुनि पहचान गए कि ये तो विष्णु अवतार श्री राम हैं।  

बकदालभ्य मुनि ने श्री राम से आने का कारण पूछा। इस पर श्रीराम ने कहा -'हे ऋषि! मैं अपनी सेना सहित राक्षसों को जीतने लंका जा रहा हूं, कृपया आप समुद्र पार करने का कोई उपाय बताइए।' बकदालभ्य ऋषि बोले- 'हे राम, फाल्गुन कृष्ण पक्ष में जो विजया एकादशी आती है, उसका व्रत करने से आपकी निश्चित विजय होगी और आप अपनी सेना के साथ समुद्र भी अवश्य पार कर लेंगे। मुनि के कहने पर, श्रीरामचंद्र ने इस दिन विधिपूर्वक व्रत किया। व्रत को करने से श्री राम ने लंका पर विजय पायी और माता सीता को प्राप्त किया।

Vijay ekadashi

Vijaya Ekadashi Vrat Vidhi
विजय एकादशी के दिन भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित कर धूप, दीप, पुष्प, चंदन, फूल, तुलसी आदि से पूजा करें। इसके अलावा  भगवान विष्णु को तुलसी सबसे अधिक प्रिय है इसलिए इस दिन तुलसी को आवश्यक रूप से पूजन में शामिल करें। व्रत धारण करने से एक दिन पहले ब्रम्हचर्य धर्म का पालन करते हुए व्रती को सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए।


 

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