Karwa Chauth: पति की लंबी उम्र के लिये रखा जाता है यह व्रत, जानें किसने रखा था पहला करवा चौथ

व्रत-त्‍यौहार
Updated Oct 09, 2019 | 11:32 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवाचौथ (Karva chauth) मनाया जाता है। इस बार यह त्योहार 17 अक्टूबर को मनाया जाएगा। जानें करवाचौथ क्यों मनाया जाता है।

Karwa Chauth
Karwa Chauth  |  तस्वीर साभार: Facebook
मुख्य बातें
  • पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है करवाचौथ
  • चंद्रमा को अर्घ देने के बाद ही खोला जाता है व्रत
  • सावित्रि ने अपने पति की जान बचाने के लिए किया था व्रत

करवाचौथ 17 अक्टूबर दिन गुरुवार को पड़ रहा है। यह त्योहारा सुहागिनों का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं बिना जल के व्रत रखती हैं। व्रत में चांद को देखने और जल देने के बाद ही व्रत को खोला जाता है। पति की लंबी आयु के लिए रखा जाने वाला व्रत आम व्रत से अलग होता है। इस व्रत में भगवान शंकर, गौरी व गणेश के साथ चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व होता है। 

व्रत की तैयारी बहुत पहले से शुरू हो जाती है, क्योंकि इस व्रत में खुद के साथ सास या सास समान सुहागिन महिलाओं के लिए भी सुहाग की थाल तैयार करनी होती है। इस व्रत को कुंवारी कन्या भी मनचाहा वर पाने के लिए करती हैं। तो आइए जानें कि व्रत क्यों रखा जाता है और इस व्रत को करने का क्या महत्व है।

 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
A post shared by Aarushi Pathak (@being_expressive) on

 

इस व्रत को क्यों रखा जाता है?
पति की लंबी आयु की कामना के साथ रखा जाता है व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति के दीर्घायु होने की कामना के साथ इस व्रत को करती हैं। ऐसी मान्यता है कि जो महिलाएं निर्जला व्रत कर भगवान शिव, मां गौरी, गणपति के साथ चंद्रमा की पूजा करती हैं, उनके पति को लंबी उम्र का आशीर्वाद मिलता है। चंद्रमा को अर्घ देने के बाद ही महिलाएं पति के साथ से जल ग्रहण कर अपने व्रत को खोलती हैं।

 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
A post shared by The Next Scentsation (@thenextscentsation) on

 

करवाचौथ व्रत का महत्व 
इस व्रत में महिलाएं सूर्योदय से पहले उठकर सरगी खा कर अपने व्रत का संकल्प लेती हैं। सरगी में की थाली में फल, ड्राई फ्रूट्स, मट्ठी, फैनी, साडी़ और आभूषण होते हैं। इस व्रत में सूर्योदय के साथ व्रत शुरू होता है और चंद्रोदय के साथ व्रत खत्म होता है। व्रत रखने का विशेष महत्व यह होता है कि सुहागिनों के वैवाहिक जीवन में इससे प्रेम का संचार बढ़ता है और पति की लंबी आयु से महिलाओं को सौभाग्यवती होने आशीर्वाद मिलता है।

किसने किया था सबसे पहले करवाचौथ
पौराणिक मान्यता के अनुसार करवाचौथ का व्रत सर्वप्रथम सावित्रि ने अपने पति की जान बचाने के लिए किया था। यमराज से अपने पति को छीन कर सावित्रि ले आई थीं। इसके बाद इस व्रत को महाभारत काल में द्रौपदी ने भी किया था।
 

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

अगली खबर