नई दिल्ली: भारत ऐसा देश बनने की राह पर है, जहां खेलकूद की दुनिया में महिलाएं भी जोर-शोर से हिस्सा ले रही हैं और मिसाल बनती जा रही हैं। महिलाओं को पुरुष के बराबर का दर्जा मिल रहा है और वह बाधाओं से ऊपर उठकर देशसेवा करके दुनियाभर में देश का डंका बजा रही हैं। ऐसी कई महिला एथलीट्स हैं, जिन्होंने अपने हुनर के बल पर दुनिया में देश का परचम फहराया। आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर हम आपको ऐसे ही महिला एथलीट्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने पिछले एक दशक में दुनियाभर में देश का नाम रोशन किया है।
1) एमसी मैरीकॉम - बॉक्सिंग की दुनिया का लोकप्रिय नाम एमसी मैरीकॉम वाकई एक मिसाल हैं। तीन बच्चों को जन्म देने के बाद भी इस महिला एथलीट ने रिंग में जलवा बिखेरा और छह विश्व चैंपियन खिताब जीत चुकी हैं। 38 साल की एमसी मैरीकॉम टोक्यो ओलंपिक्स में मेडल की प्रबल दावेदार भी हैं। एमसी मैरीकॉम भारत के लिए महिला मुक्केबाजी में ओलंपिक का मेडल हासिल करने वाली मैरी पहली भारतीय हैं। साल 2003 में मैरीकॉम को अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया। तीन साल बाद 2006 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। साल 2009 में उनको सबसे बड़े खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार दिया गया। मैरीकॉम का सपना देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना है और इसके लिए वह दिन-रात एक कर रही हैं।
2) मिताली राज - क्रिकेट को भद्रजनों का खेल कहा जाता रहा है, लेकिन इसमें महिलाओं ने भी अपना उम्दा योगदान दिया है। मिताली राज को भारतीय महिला क्रिकेट की पहचान कहना गलत नहीं होगा। टेस्ट क्रिकेट मैच में दोहरा शतक बनाने वाली पहली महिला हैं। राज महिला वनडे क्रिकेट में 6,000 रनों को पार करने वाली एकमात्र महिला क्रिकेटर हैं। मिताली राज भारत की पहली ऐसी महिला खिलाड़ी है, जिन्होंने टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में 2 हजार या इससे ज्यादा रन बनाए। राज एकमात्र खिलाड़ी (पुरुष या महिला) हैं, जिन्होंने एक से ज्यादा आईसीसी वनडे विश्व कप फाइनल में भारत का नेतृत्व किया। क्रिकेट की दुनिया में मिताली राज का नाम सर्वकालिक महान महिला क्रिकेटरों में शुमार हैं और वह भी लगातार देशसेवा में समर्पित हैं।
3) पीवी सिंधू - ओलंपिक में सिल्वर मेडलिस्ट 25 साल की पीवी सिंधू ने अपने करियर में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीता। पीवी सिंधू ने लगातार तीसरी बार ईएसपीएन की 'वर्ष की सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी' का पुरस्कार जीता। वे भारत की नेशनल चैंपियन भी रह चुकी हैं। पीवी सिंधू फोर्ब्स लिस्ट में जगह बना चुकी हैं। पीवी सिंधू को राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड, पद्म श्री और पद्म भूषण अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। पीवी सिंधू ने बैडमिंटन जगत में भारत को नई बुलंदियों पर पहुंचाया है। बैडमिंटन में भारत का पुरुष सर्किट से ज्यादा दबदबा महिला सर्किट में हैं।
5) विनेश फोगाट - रियो ओलंपिक में जब विनेश फोगाट को घुटने में चोट लगी थी, तब किसी ने नहीं सोचा था कि यह रेसलर दोबारा मैट पर वापसी कर पाएगी। मगर जज्बा और जुनून किसी एथलीट से कुछ भी करा सकता है और यही बात विनेश फोगाट ने बखूबी साबित की। विनेश फोगाट ने मैट पर इतनी जबर्दस्त वापसी की है कि उन्हें ओलंपिक मेडल का सबसे सशक्त दावेदार माना जाने लगा। विनेश फोगाट हर उस युवा के लिए मिसाल बनी, जो कभी अपने सपने से समझौता नहीं करना चाहता। विनेश फोगाट को उनकी मेहनत का फल सरकार की तरफ से भी मिला और इस साल उन्हें राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। रेसलिंग जगत को उम्मीद है कि विनेश फोगाट आगामी ओलंपिक्स में भारत को मेडल जरूर दिलाएंगी।