नई दिल्ली: कोरोना वायरस की महामारी से दुनिया इस समय रूक गई है। इसके बावजूद इस गंभीर बीमारी की चपेट में मृतकों की संख्या में इजाफा होता ही जा रहा है। कोरोना वायरस ने भारतीय मूल के मैराथन रनर अमरिक सिंह को भी अपना शिकार बना लिया। विश्व के सबसे उम्रदराज मैराथन रनर 109 साल के फौजा सिंह के सबसे अच्छे दोस्त अमरिक ने 22 अप्रैल को बर्मिंघम सिटी अस्पताल में आखिरी सांस ली। अमरिक का 89 साल की उम्र में निधन हुआ। अस्पताल में डॉक्टर्स को उनके आखिरी शब्दों को समझने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ा।
अमरिक जो कह रहे थे, उसे डॉक्टर्स समझ नहीं पाए। यह शब्द उनकी जिंदगी के आखिरी शब्द साबित हुए। अमरिक के पोते 34 साल के पमन सिंह ने बताया कि दादाजी आखिरी समय में वाहेगुरु कह रहे थे। पमन ने ट्वीट करके अपने दादाजी के गुजर जाने की जानकारी बताई। उन्होंने ट्वीट किया, 'मेरे दादाजी का कोरोना वायरस के कारण आज दोपहर में निधन हो गया। इसे पोस्ट करने के लिए माफी चाहता हूं। मगर यह जरूरी है कि हम सिर्फ आंकड़े नहीं देखें और मानवीय प्रभाव याद रखें। मैं बहुत टूट हुआ महसूस कर रहा हूं। मेरे दादाजी को पिछले सप्ताह अस्पताल में भर्ती कराया गया था।'
शानदार रहा करियर
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक अमरिक सिंह ने 26 बार लंदन मैराथन में हिस्सा लिया था। अमरिक ने अपने करियर में 650 से ज्यादा मेडल जीते। पमन ने बताया कि हर साल की तरह इस बार भी अमरिक 12 फरवरी से 13 मार्च तक अपने मूल गांव में सेवा करने गए थे। बता दें कि अमरिक का मूल गांव पंजाब के जालंधर स्थित पड्डी खालसा में है। उन्होंने अपने गांव में नेत्र जांच शिविर लगाया है, जहां बेघर लोगों और गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए डोनेशन इकट्ठा किया।। मेडिकल कैंप में भी वह मरीजों की बैडशीट बदल देते थे। वॉशरूम ले जाने में मदद करते थे। स्कॉटलैंड में वह जो डोनेशन इकट्ठा करते थे, उसे भारत में अपने गांव में गरीब बच्चों को बाट देते थे। भारत जाने से पहले वह बच्चों के लिए नए कपड़े भी खरीदते थे।