नई दिल्ली: विश्व फुटबॉल की सर्वोच्च संस्था फीफा ने सोमवार को अखिल भारतीय फुटबॉल संघ को निलंबित कर दिया। फीफा के मुताबिक एआईएफएफ ने फीफा के नियमों का गंभीर उल्लंघन किया है। यह फैसला तीसरी पार्टियों के अनुचित प्रभाव के कारण लिया गया।
फीफा ने पने बयान में कहा, 'निलंबन तब हटेगा जब एआईएफएफ कार्यकारी समिति की शक्तियों को ग्रहण करने के लिए प्रशासकों की समिति का गठन हो और एआईएफएफ प्रशासन एआईएफएफ के दैनिक मामलों पर पूर्ण नियंत्रण हासिल कर लेगा।'
एआईएफएफ मुसीबत में पड़ा जब पूर्व अध्यक्ष प्रफुल पटेल कार्यकाल पूरा होने के बाद भी पद पर बने रहे और सुप्रीत कोर्ट ने इसे अमान्य करार दिया। सुप्रीम कोर्ट ने एआईएफएफ को प्रशासकों की समिति (सीओए) के अंडर में रखा, जिसका चयन मई 2022 में किया गया था।
एआईएफएफ मुसीबत में पड़ा जब पूर्व अध्यक्ष प्रफुल पटेल कार्यकाल पूरा होने के बाद भी पद पर बने रहे और सुप्रीत कोर्ट ने इसे अमान्य करार दिया। सुप्रीम कोर्ट ने एआईएफएफ को प्रशासकों की समिति (सीओए) के अंडर में रखा, जिसका चयन मई 2022 में किया गया था।
एआईएफएफ को निलंबित करने का फैसला तब भी आया जब भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि भारतीय फुटबॉल संचालन निकाय की कार्यकारी समिति का चुनाव तेजी से किया जाए, क्योंकि इसने एआईएफएफ के पूर्व के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग करने वाली प्रशासकों की समिति द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई की। राष्ट्रपति प्रफुल्ल पटेल और अन्य ने इस महीने की शुरुआत में अपने हस्तक्षेप का आरोप लगाया।
भारत को 11-30 अक्टूबर तक अंडर-17 महिला विश्व कप की मेजबानी के अधिकार प्राप्त थे। यह टूर्नामेंट 2021 में होना था, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित कर दिया गया। फीफा ने कहा, 'निलंबन का मतलब है कि फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप 2022 भारत में 11-30 अक्टूबर तक होना था। वो इस समय भारत में अयोजित नहीं हो सकता है। फीफा टूर्नामेंट के संबंध में अगले कदम की जांच करेगा और अगर या जब जरूरी हुआ तो यह मामला परिषद के ब्यूरो को सौंपा जाएगा।'
फीफा ने कहा, 'फीफा लगातार भारत में खेल मंत्रालय में नियमित संपर्क रख रहा है और उम्मीद है कि इस मामले का सकारात्मक नतीजा अब भी हासिल किया जा सकता है। ' महिला विश्व कप के मेजबानी अधिकार गंवाने के अलावा भारत की राष्ट्रीय टीमें जब तक निलंबन नहीं हट जाता तब तक किसी अंतरराष्ट्रीय मैच में हिस्सा नहीं ले सकेंगी। साथ ही घरेलू लीग मैचों को एएफसी या फीफा की पहचान नहीं मिलेगी। जब तक फीफा का निलंबन नहीं हट जाता तब तक भारतीय टीमें किसी एएफसी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले सकेंगी।