नई दिल्ली: 28 साल के कबड्डी खिलाड़ी की रविवार शाम बटाला में उनके गृहनगर भगवानपुर में छह हमलावरों ने हत्या कर दी। इसमें पांच पुलिसकर्मी और एक व्यक्ति शामिल है। गुरमेज सिंह पूर्व अकाली सरपंच अमरिक सिंह के बेटे थे। बटाला पुलिस का दावा है कि यह सड़क विवाद का मामला है और सभी आरोपी नशे में थे। उनके परिवार का हालांकि कहना है कि पुरानी दुश्मनी के चलते यह पूर्व नियोजित हत्या है।
पिछले चार महीने में यह दूसरा मौका है जब कबड्डी खिलाड़ी की हत्या कर दी गई और आरोपी पुलिसवाला रहा। 9 मई को एएसआई परमजीत सिंह ने कपुरथला में कबड्डी खिलाड़ी अरविंदर जीत सिंह पड्डा की हत्या कर दी थी। गुरमेज सिंह के हत्या की घटना रविवार शाम 6 बजकर 45 मिनट की है। अमृतसर ट्रैफिक पुलिस के एएसआई रंजीत सिंह और बलजीत सिंह, हेड कांस्टेबल अवतार सिंह और बलकार सिंह, जो कि ADGP (retd) परमपाल सिंह सिद्धू, सुरिंदर सिंह, पंजाब के सीएम की सुरक्षा में तैनात एक सुरक्षाकर्मी और नागरिक सिमरत सिंह के साथ बंदूकधारी थे, पर धारा 302 (हत्या), 148 (दंगाई, घातक हथियार से लैस), IPC की 149 (गैरकानूनी विधानसभा) और 25, 54, आर्म्स एक्ट की 59 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
बटाला के एसएसपी रचपाल सिंह ने कहा, 'आरोपियों के पास दो कार थी। एक कार में चार लोग जबकि एक में दो लोग थे। सभी नशे में थे। एक्साइस इंस्पेक्टर अमृत कौर अभियुक्त के आगे गाड़ी चला रही थीं। वह अपने गांव भगवानपुर जा रही थी जहां सड़क काफी सकरी थी। अभियुक्त ने उन्हें रास्ता देने को कहा। उन्होंने उसकी कार पर हमला करना शुरू कर दिया। जैसे ही वह भगवानपुर पहुंची, अभियुक्त ने कार रोक दी और बाहर निकल आए। उन्होंने कार पर हमला करना शुरू कर दिया। कुछ गांव वाले और गुरमेज मौके पर पहुंचे। अमृत कौर गुरमेज के कजिन की पत्नी हैं। इसके बाद गुरमेज और अभियुक्तों के बीच कुछ कहासुनी हुई। फिर बलजीत सिंह ने अपनी लाइसेंसधारी पिस्टल से गोली चला दी। गुरमेज की मौके पर मौत हो गई। हमने सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है।'
उन्होंने आगे कहा, 'अभियुक्त किसी समारोह से लौट रहे थे और नशे में धुत थे। हमने उनके पास से हथियार बरामद किए हैं। हम उनका चिकित्सीय परीक्षण कराएंगे।'
हालांकि, परिवार वालों ने एकदम अलग कहानी सुनाई है। गुरमेज के पिता अमरिक सिंह ने पुलिस में दर्ज कराए अपने बयान में कहा, 'हम बटाला में एक समारोह से लौट रहे थे। गुरमेज मेरे साथ मेरी कार में था। अमृत कौर कार चला रही थी। करीब 6 बजकर 40 मिनट पर अभियुक्त ने गांव की सड़क पर हमारा रास्ता रोका। वो दो कारों में आए थे। 6 लोग इन दो कारों में आए और मेरे बेटे गुरमेज को भद्दी गालियां देने लगे। उन्होंने हमारी कार पर हमला करना शुरू किया। फिर बलजीत सिंह ने मेरे बेटे पर गोली चला दी। अस्पताल जाने के रास्ते में उसकी मौत हो गई।'
अमरिक ने दावा किया, 'मेरा बेटा और मैं कुछ महीने पहले बटाला गए थे जब बाइक के साथ एक छोटी दुर्घटना हुई थी। वह बाइक बलकार सिंह की थी। दुर्घटना के बाद हमारा छोटा विवाद हुआ था। अभियुक्त ने हमसे बदला लेने के लिए हमला किया। पुरानी दुश्मनी इस हत्या के पीछे की वजह है। मेरा बेटा पहले कबड्डी खेलने के लिए कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जा चुका है। वह अपने पीछे पत्नी और बेटे को छोड़ गया है। हमारा परिवार इन पुलिसवालों के कारण टूट गया है।'